वाराणसी:शासन ने खाद्य आपूर्ति में पारदर्शिता लाने के लिए नई व्यवस्था शुरू की है. इसके तहत अब शासन द्वारा राशन सीधे कोटेदारों के दुकान पर पहुंचाया जाएगा. अब कोटेदारों गोदाम जाने की जहमत नहीं उठानी पड़ेगी.
सेवापुरी कोटेदार संघ के अध्यक्ष हनुमान पांडे ने बताया कि सेवापुरी खाद्य एवं रसद विभाग की ओर से सिंगल स्टेज डोर स्टेप डिलीवरी के लिए आराजी लाइन ब्लॉक का चयन किया गया है. इस ब्लॉक के 5 राशन की दुकानों पर अब सीधे खाद्यान्न पहुंचेगा. ब्लॉक में बने गोदामों से कोटेदारों को उठान नहीं करना होगा.
डिप्टी आरएमओ ने शुक्रवार को काशी विद्यापीठ ब्लॉक से हरी झंडी दिखाकर ट्रक को रवाना किया. शासन ने खाद्य आपूर्ति में पारदर्शिता लाने के लिए प्रदेश के प्रत्येक जिले के एक ब्लॉक को पायलट प्रोजेक्ट में शामिल किया है. अगर कोई परेशानी नहीं हुई तो माह के अंत में संपूर्ण जिले में यह प्रभावी हो जाएगा.
पहले एफसीआई गोदाम से ब्लॉक के गोदाम पर राशन पहुंचता था, इसके बाद राशन की दुकान पर ले जाया जाता था. अब इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है. कोटेदारों की शिकायत रहती थी कि गोदाम से खाद्यान्न मानक के अनुसार नहीं मिलता है. बोरी में खाद्यान्न कम होता है और राशन की दुकानों पर घटतौली भी इसी वजह से होती है.
इसी के चलते यह नियम अब बदल दिया गया है. अब सीधे एफसीआई से राशन की दुकान पर खाद्यान्न पहुंचेगा. इस तरह अब घटतौली की परेशानी नहीं होगी. वहीं उपभोक्ताओं को मानक के तहत खाद्यान्न मिल सकेगा. इसके अलावा खाद्यान की धुलाई पर अनावश्यक खर्च पर भी रोक लगेगी.
इस सम्बंध में डिप्टी आरएमओ अरुण त्रिपाठी का कहना है कि एफसीआई गोदाम से आराजी लाइन ब्लॉक के पांच कोटेदारों के यहां दो ट्रक से गेहूं भेजा गया है. अब इस ब्लॉक के सभी कोटेदारों के यहां खाद्यान्न इसी प्रक्रिया के तहत जाएगा. शासन के निर्देश के बाद इस योजना को अन्य ब्लॉकों में प्रभावी किया जाएगा.
सेवापुरी कोटेदार संघ अध्यक्ष हनुमान पाण्डेय में कहा कि सरकार को अपना फायदा दिखाई दे रहा है. ब्लॉक का गोदाम बंद करने से सरकार को उसका भाड़ा बचेगा. कोटेदारों की कोई चिंता सरकार को नहीं है. लोगों के गोदाम का भाड़ा सरकार क्यों नहीं देती है. सभी कोटेदारों के साथ सरकार नाइंसाफी कर रही है.
खरगूपुर कोटेदार उपदेश मिश्रा के मुताबिक, सरकार के समक्ष रखे गए मांग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही है. कोटेदारों को परेशान करने का एक नई व्यवस्था हो गई है. अब भारी वाहन से डिलीवरी की प्रक्रिया शुरू हुई है. जिस भी गली मोहल्ले में दुकान है, वहां पर भारी वाहन किस तरह पहुंचेगा. कोटेदार छोटा वाहन करके अपने गल्ले तक राशन ले आएंगे तो इसका खर्च उन्हें ही देना होगा. सरकार कोटेदारों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है.