वाराणसी : 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से जब चुनाव के लिए नामांकन किया तब उनके चार प्रस्तावकों में से एक डॉक्टर अन्नपूर्णा शुक्ला भी थीं. शनिवार को लंबी बीमारी के बाद 95 वर्ष की अवस्था में उन्होंने अंतिम सांस ली. उनका अंतिम संस्कार हरिश्चंद्र घाट पर किया गया.
पीएम मोदी ने छूए थे पैर :डॉक्टर अन्नपूर्णा शुक्ला उस वक्त चर्चा में आई थीं, जब पीएम मोदी ने नामांकन से पहले उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया था. प्रधानमंत्री मोदी के चार प्रस्तावकों में से एक डॉक्टरअन्नपूर्णा को पं. मदन मोहन मालवीय की दत्तक पुत्री माना जाता था. बीएचयू (BHU) महिला महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्य भी थीं. डॉक्टर अन्नपूर्णा मालवीय जी से आशीर्वाद लेकर बीएचयू में प्रतिष्ठित पद को ग्रहण करने वाली पीढ़ी में अंतिम थीं. मूल रूप से बस्ती की रहने वालीं डॉक्टर अन्नपूर्णा के पति 1980 के बीच गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति रहे. वह रूस में भारत के राजनायिक भी रहे.
महिला शिक्षा के क्षेत्र में उठाए महत्वपूर्ण कदम :डॉक्टर अन्नपूर्णा शुक्ला ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय से ही मेडिकल की पढ़ाई की थी. जिस वक्त महिलाओं की पढ़ाई-लिखाई पर रोक-टोक थी, उस वक्त उन्होंने महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए. अपने जीवन के अंतिम पड़ाव तक सामाजिक कार्यों में जुटी रहीं. डॉक्टर अन्नपूर्णा के अथक प्रयास के बाद बीएचयू (BHU) के महिला कॉलेज में गृह विज्ञान की पढ़ाई शुरू हुई. विभाग की पहली प्रमुख भी उन्हें ही बनाया गया था. 1991 में काशी अनाथालय में वनिता पॉलिटेक्निक की स्थापना उन्हीं के प्रयासों का परिणाम है. वह इस संस्था की मानद निर्देशिका भी थीं.