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विश्वनाथ मंदिर जाने वाले पक्के महाल मार्ग को खोलने की उठी मांग

वाराणसी में विश्वनाथ कॉरिडोर के नाम पर तीन सौ वर्ष पुरानी त्रिपुरा भैरवी मार्ग से सरस्वती फाटक, नीलकंठ, कचौड़ी गली होते हुए चौक जाने वाली गली के खोलने हेतु क्षेत्र के व्यापारी और स्थानीय लोगों ने मौन उपवास किया है.

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जानकारी देते हुए क्षेत्रीय पार्षद संतोष शर्मा

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Published : Jun 12, 2022, 5:40 PM IST

वाराणसी: काशी के प्राचीन गलियों में शुमार दशाश्वमेध-चौक को जोड़ने वाला 300 साल पूरा मार्ग को अवरुद्ध करने का प्रशासन पर आरोप लगा स्थानीयों ने पार्षद के नेतृत्व में मौन धारण कर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है की विश्वनाथ कॉरिडोर बन जाने के बाद इसे खोलने की बात की गई थी. लेकिन अभी तक नहीं खोला गया है, जिससे यहां आने-जाने वाले लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है.

वाराणसी के काशी करवट नेपाली खपड़ा के पास 300 वर्ष पुरानी पक्के महाल के जीटी रोड दशाश्वमेध-चौक को जोड़ने वाला मार्ग को पिछले तीन साल से विश्वनाथ कॉरिडोर के कार्य के नाम से बंद करने का आरोप लगाकर वार्ड नंबर 84 के पार्षद संतोष शर्मा के नेतृत्व में क्षेत्रीय लोगों ने मौन धारण कर विरोध प्रदर्शन किया. विरोध करने वालों ने बताया की जब हम लोगों ने प्रशासन से बात की तो हम लोगों से कहा गया की काशी विश्वनाथ कारिडोर कार्य चलने के कारण गली अवरुद्ध है, विश्वनाथ कॉरिडोर बन जाने के बाद मार्ग खुल जाएगा पर अभी तक नहीं खुला है, जिसके कारण आज हम लोग मौन धारण कर विरोध कर रहे हैं.

जानकारी देते हुए क्षेत्रीय पार्षद संतोष शर्मा

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वहीं, क्षेत्रीय पार्षद संतोष शर्मा ने बताया की तीन सालों से विश्वनाथ जी जाने वाले सारे मार्ग बंद है. उसी को लेकर हम लोग पीएम मोदी का ध्यान आकृष्ट करने के लिए मौन उपवास रखा है ताकि पीएम मोदी को पता चलें कि उनके शहर वाले परेशान है. अगर हमारी बात नहीं सुनी गई तो हम लोग फिर मौन तोड़ने का काम करेंगे.

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