वाराणसी: यदि आप से कहा जाए कि उत्तर भारत में कोरोना का संक्रमण पंजाब के रास्ते पहुंचा है. इसका सबसे बड़ा कारण किसान आंदोलन के क्रांतिकारी रहे, तो यह सुनकर आप हैरान हो जाएंगे. लेकिन हैरान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के साथ देशभर के 7 रिसर्च इंस्टीट्यूट ने इस विषय को लेकर के शोध किया है. इस शोध में हैरान करने वाली बातें सामने आई हैं, जिसमें ये बताया गया है कि दिल्ली पंजाब से आई भीड़ कोरोना को फैला रही थी. इस शोध में वैज्ञानिकों ने इस बात का दावा किया है कि दिल्ली और पंजाब में हुए किसान आंदोलन के कारण उत्तर भारत के अन्य राज्यों में कोरोना की दूसरी लहर का संक्रमण फैल था. बता दे कि देश भर के 15 वैज्ञानिकों की टीम ने बकायदा 1 साल तक इन सुपर स्प्रेडर को लेकर रिसर्च किया है.
पंजाब के रास्ते उत्तर भारत आया कोरोना
इस रिसर्च की पहली राइटर जानवी पारासर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उत्तरी भारत में अल्फा वैरिएंट उपस्थित था. इस वैरिएंट की कई फाउंडिंग शाखाएं भी देखी गई है. मुख्य रूप से भारत में अल्फा वैरिएंट का प्रसार दिल्ली, चंडीगढ़ और पंजाब के राज्य में था. जहां इसकी 44 जेनेटिक शाखाएं भी मौजूद थी. जिसका परिणाम था कि भारत के दूसरे राज्यों के मुकाबले में उत्तर भारत में अल्फा वैरिएंट का तेजी से प्रसार हुआ.