वाराणसी: सनातन धर्म, अध्यात्म और संस्कृति के धरोहर की नगरी काशी में पधारे पर्यटक और काशीवासी भी G-20 समिट से खासा उत्साहित हैं. जिसकी एक झलक G-20 सम्मेलन के एक दिन पहले रविवार को दशाश्वमेध घाट पर दिखाई पड़ी. जब काशीवासी और विदेशों एवं अन्य राज्यों से आए पर्यटकों ने G-20 देशों के राष्ट्रीय चिन्ह लेकर नमामि गंगे और गंगोत्री सेवा समिति के सदस्यों के साथ मां गंगा की आरती उतार कर वैश्विक अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए आशीर्वाद मांगा. हजारों नागरिकों ने एक स्वर में गंगा तट की स्वच्छता की शपथ ली.
वहीं, काशी में G-20 समिट के आयोजन के पूर्व हो रहे विकास कार्यों से सभी अभिभूत नजर आए. काशी वासियों और काशी यात्रा पर आए नागरिकों अन्य पर्यटकों ने कहा कि सरकार ने काशी में विकास की गंगा ऐसी बहाई है, जिससे इस प्राचीन नगरी का निरंतर चतुर्दिक विकास हो रहा है. वहीं, नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि पुरातन और आधुनिक संस्कृति को जोड़ते हुए काशी का ऐसा कायाकल्प हुआ है. वाराणसी अब अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों के लिए पूरी तरह तैयार हो चुकी है.
G-20 सम्मेलन के लिए मां गंगा से मांगा आशीर्वाद, आरती से पूर्व गूंजा 'वसुधैव कुटुम्बकम्'
बनारस में नमामि गंगे समिति के सदस्यों के साथ मिलकर विदेशी पर्यटकों ने G-20 सम्मेलन के लिए गंगा से मांगा आशीर्वाद मांगा. इसी के साथ मां गंगा की आरती के पूर्व गूंजा 'वसुधैव कुटुम्बकम्' का नारा सुनाई दिया. वहीं, घाट पर मौजूद हजारों लोगों ने गंगा तट की स्वच्छता की शपथ ली.
G-20 की वाराणसी में होने वाली बैठकों में दुनिया के आर्थिक महाशक्ति वाले 20 देशों के राजनयिक, ब्यूरोकेट्स और अन्य महत्वपूर्ण डेलीगेट्स काशी आएंगे. जो काशी की विरासत की नई तस्वीर अपने साथ ले जाएंगे. इसका लाभ आने वाले समय में वाराणसी के पर्यटन उद्योग को मिलेगा. वहीं, इस आयोजन में नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला, गंगोत्री सेवा समिति के सचिव दिनेश शंकर दुबे, गंगा आरती अर्चक एवं हजारों की संख्या में पर्यटन एवं श्रद्धालुगण मौजूद रहे ।