वाराणसीःजिले में लगभग 57 साल पुरानी बनारस लोकोमोटिव वर्कशॉप की प्रसिद्ध रामलीला में इस बार रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतलों का दहन नहीं किया जाएगा. उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से कोविड-19 के तहत त्योहारों को लेकर जारी हुई गाइडलाइंस में हुई देरी की वजह से आयोजन समिति ने इस बार भी रावण दहन के कार्यक्रम को कैंसिल कर दिया है. बनारस लोकोमोटिव वर्कशॉप के मैदान में 80 फीट लंबे रावण के पुतले 75 फीट ऊंचे कुंभकरण के पुतले और 65 फीट ऊंचे मेघनाथ के पुतले का दहन किया जाता था, लेकिन रामलीला समिति ने इस बार भी आयोजन को रद्द करने का फैसला किया है.
दशहरा समिति के निदेशक और इस आयोजन समिति की बीते लंबे वक्त से कमान संभालने वाले एसडी सिंह का कहना है कि आयोजन को लेकर देरी से आए आदेश की वजह से पुतलों को तैयार नहीं किया गया. क्योंकि एक पुतले को तैयार करने में 1 महीने से ज्यादा का वक्त लगता है. तीनों पुतलों को तैयार करने में 2 महीने का वक्त लग जाता है. तीनों पुतलों को बनाने में 2 लाख से ज्यादा का खर्च होता है. जिसमें 2 क्विंटल कागज, लगभग 30 लीटर पेंट, मैदे की लेई और 100 से ज्यादा लंबे बांस का उपयोग किया जाता है, लेकिन इस बार का आयोजन नहीं हो रहा है. जिसकी वजह से आयोजन समिति के लोगों में भी काफी मायूसी है.
1964 से हो रहा आयोजन