वाराणसी:अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण से पहले बाल राम मंदिर का निर्माण किया जाएगा. 108 किलो सोने से इस मंदिर के स्वर्ण शिखर का निर्माण किया जाएगा.इसके लिए राम-राम, ग्राम-ग्राम योजना के तहत देशभर के गांवों से इसके लिए सोना इकट्ठा किया जा रहा है. सोमवार को वाराणसी में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इसकी जानकारी दी.
सात लाख गांवों से इक्ट्ठा होगा एक-एक ग्राम सोना, उससे तैयार होगा अयोध्या में बाल राममंदिर
यूपी के अयोध्या में भव्य राममंदिर निर्माण से पहले बाल मंदिर का निर्माण किया जाएगा. यह बाल मंदिर भी भव्य होगा. इसमें भारत के सात लाख गांवों से सोना दान में लेकर सात लाख ग्राम सोने का प्रयोग किया जाएगा. इस बात की जानकारी वाराणसी में द्वारका एवं शारदा पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने दी.
पत्रकारों से बात करते हुए शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण होने में लगभग 5 वर्ष लग जाएंगे. ऐसे में भगवान कब तक टेंट में विराजमान रहेंगे. इसलिए शंकराचार्य गुरुदेव स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने शास्त्रों के आधार पर बाल मंदिर के निर्माण की योजना बनाई है.
उन्होंने बताया कि बाल मंदिर का स्वरूप 25 फुट लंबा, 25 फुट चौड़ा और 25 फुट गहरा होगा. मंदिर के मध्य में 6 बाई 6 और 6 बाई 9 का एक सिंहासन होगा. इस पर रामलला विराजमान होंगे. सिंहासन पूर्ण रूप से स्वर्ण जड़ित होगा. भविष्य में यह पूरा मंदिर भी स्वर्ण जड़ित किया जाएगा. इसके लिए यह योजना बनाई गई है कि देश में जितने गांव हैं. उन हर गांव के राम भक्तों से सोना दान में लिया जाएगा. हर गांव से मिनिमम 1 ग्राम का लक्ष्य रखा गया है. भारत में सात लाख के करीब गांव हैं, इस हिसाब से 7,00,000 ग्राम सोने का प्रयोग भगवान के मंदिर में होगा,