वाराणसी: काशाी में आज ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य जगतगुरु स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने गौ रक्षा को लेकर बड़ा आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया है. उन्होंने वाराणसी से यह भी ऐलान किया कि जब तक गौ रक्षा को लेकर कड़ा कानून नहीं बनता और गाय को राष्ट्र माता के तौर पर घोषित नहीं किया जाता, तब तक वह अयोध्या में राम मंदिर नहीं जाएंगे. अयोध्या में निर्माण हो रहे राम मंदिर में वह तभी दर्शन के लिए जाएंगे, जब सरकार गौ रक्षा के लिए कड़े कानून बना देगी और गाय को राष्ट्र माता का दर्जा मिल जाएगा.
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 22 जनवरी को होने वाले आयोजन में निमंत्रण आए या ना आए. लेकिन, वह उसमें शामिल नहीं होंगे. क्योंकि, जब तक गाए सुरक्षित नहीं है, तब तक भगवान राम के दर्शन नहीं करने चाहिए. उनका कहना है कि भगवान राम ने भी अवतार गौ रक्षा के लिए लिया था और जब गाय ही सुरक्षित नहीं होगी तो 500 साल बाद सनातन धर्मियों को मिल रहे भगवान राम के इस भव्य मंदिर के निर्माण और स्थापना का क्या लाभ.
ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि गाय भारतीय संस्कृति की आत्मा है. इसे वेदों और पुराणों में अहन्या अवघ्या कहा गया है. लेकिन, दुर्भाग्य से इस समय विश्व में सबको पालन पोषण करने वाली गाय को काटने और खाने का चलन हो गया है, जिससे गाय सुरक्षित नहीं है. इसलिए गौ प्रतिष्ठा आंदोलन के तहत आज 12 दिसंबर को काशी से भारत के सभी प्रदेशों के लिए गौ दूतों की नियुक्ति की जा रही है. यह गौ दूत संत उन प्रदेशों के गौ भक्तों से मिलकर आंदोलन को गति देंगे. 4 जनवरी 2024 को वृंदावन में सभी प्रदेशों के गौ भक्तों की एक विशेष गौ सभा आयोजित होगी. इसमें आंदोलन के विविध पहलुओं को स्पष्ट करते हुए कमर कसी जाएगी.
उन्होंने कहा कि 15 जनवरी से 23 जनवरी 2024 तक 9 दिनों में दिल्ली में गौ प्रतिष्ठा आंदोलन के लिए 9 विशेषज्ञ समूह की बैठक की जाएगी. इसमें गौ धर्म विशेषज्ञ से लेकर गौ व्यवहार विशेषज्ञ और गौ मीडिया विशेषज्ञ से लेकर अलग-अलग विशेषज्ञों की महत्वपूर्ण बैठक में सभी निर्णय लिए जाएंगे. 30 जनवरी 2024 को विशेषज्ञों से प्राप्त आंकड़ों और निष्कर्ष के साथ गौ प्रतिष्ठा आंदोलन के लोगों का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और प्रदेश के अलग-अलग मुख्यमंत्रियों से मुलाकात करेगा. इसके बाद भी अगर काम नहीं होता है और गाय को राष्ट्र माता का दर्जा देने के साथ ही गौ रक्षा के तहत गौ हत्या विशेष नियम नहीं बनता है तो 6 फरवरी 2024 को प्रयाग में बृहद गौ संसद का आयोजन किया जाएगा. इसमें देश के सभी संसदीय क्षेत्र से एक गौ प्रतिनिधि मनोनीत होकर सम्मिलित होगा.