वाराणसी:उत्तर प्रदेश में बनारस के विकास की रूपरेखा तेजी से तैयार हो रही है. शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए बहुत सी कवायद हो रही है. प्रधानमंत्री मोदी का संसदीय क्षेत्र होने की वजह से यूपी के सबसे तेजी से विकसित होने वाले शहरों की लिस्ट में बनारस का नाम सबसे ऊपर होता है. यही वजह है कि बनारस में तीसरी आंख की नजर भी हर चप्पे-चप्पे पर मौजूद है. तीसरी आंखें यानी हाईटेक सीसीटीवी कैमरे शहर के चौराहों से लेकर गली मोहल्लों तक लगे हैं. स्मार्ट सिटी योजना के तहत वाराणसी में 700 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि इन सर्विलांस कैमरों ने एक तरफ तो ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों को सुधारने का काम किया है. वहीं, इस आधुनिक तकनीक ने डांटा आधारित कमांड सेंटर की मदद से अब चोरी की गाड़ियों की रिकवरी में भी बड़ी भूमिका निभानी शुरू कर दी है. हर रोज पुलिस विभाग के पास चोरी की गई गाड़ियों कि कंप्लेन आने के साथ ही उन गाड़ियों के नंबर को ट्रेस करने के लिए भी इन कैमरों की बड़ी मदद ली जा रही है.
शहर की चितईपुर पुलिस ने पिछले कुछ दिनों पहले चेकिंग के दौरान एक युवक की चोरी की गाड़ी बरामद की. इस बरामदगी में चौराहे पर लगे ट्रैफिक कैमरे ने बड़ी भूमिका निभाई. जांच के दौरान यह बात सामने आई थी कि आरोपी कार का नंबर लिख कर चलता था. जहां ई-चालान नंबर से इस राज का पर्दाफाश हुआ. मामले में संबंधित थाना इंचार्ज ने एक दिसंबर को क्षेत्र के ही एक लॉन के बाहर से बाइक चुराए जाने की जानकारी उपलब्ध करवाई. दोनों डिटेल का मिलान करके जब चेचिस नंबर मिलाया गया तो शिवपुर के सुशील पटेल कि चोरी की गई बाइक उनको वापस मिल गई. वहीं, चौक क्षेत्र में भी एक बुलेट चोरी हुई थी. सीसीटीवी कैमरे की मदद से इसे बेचने की फिराक में लगे युवक को पुलिस ने धर दबोचा. साथ ही इस बाइक की बरामदगी भी हो गई.