वाराणसी: नीट सॉल्वर गैंग (neet solver gang) पर अब कानूनी शिकंजा भी कसता जा रहा है. इस प्रकरण में विवेचना के बाद एक के बाद एक कई आरोपियों की गिरफ्तारी करने के साथ ही अब तक 20 आरोपी चिन्हित किए जा चुके हैं. जिनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास लगातार जारी है.
वहीं, पांच आरोपियों जिनको मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. उनकी तलाश में लगातार छापे चल रहे हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि इन पांच आरोपियों को भगोड़ा घोषित करते हुए इनकी संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई जल्द शुरू की जाएगी. इसे लेकर सभी आरोपियों के खिलाफ संपत्ति जब्त करने के लिए जल्द ही नोटिस जारी की जाएगी.
इस बारे में पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बताया कि पुलिस की टीमों को बनारस सहित अन्य जिलों में और प्रदेशों में दबिश के लिए लगातार भेजा जा रहा है. बलरामपुर तुलसीपुर थाना क्षेत्र (Balrampur Tulsipur Police Station Area) के तुलसी बाजार निवासी वांछित मास्टरमाइंड अफरोज का हाल का पता लखनऊ कैसरबाग स्थित एक अपार्टमेंट में लगा है.
उसकी गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है. आजमगढ़ मुबारकपुर निवासी मुंतजीर बंगलुरु निवासी आशुतोष राज, त्रिपुरा के गोमती उदयपुर स्थित राधे किशोरपुर निवासी ज्योति नाग, समेत त्रिपुरा के ही मृत्युंजय देवनाथ का हाल पता अगरतला पश्चिम त्रिपुरा में लगा है. इनकी भी गिरफ्तारी का प्रयास जारी है.
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इन सभी को भगोड़ा घोषित करते हुए न्यायालय ने संपत्ति जब्त करने की नोटिस जारी की है. इनके जिले और राज्यों की पुलिस से भी संपर्क करते हुए कार्रवाई के लिए सहायता मांगी गई है. पुलिस कमिश्नर के मुताबिक नीट सॉल्वर गिरोह में मास्टरमाइंड पटना निवासी पीके सहित 14 आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है, जबकि अब तक डॉक्टर सहित 20 आरोपी फरार चल रहे हैं. इनकी गिरफ्तारी के लिए टीमें लगातार प्रयास कर रही है.
गौरतलब है कि 12 सितंबर 2021 को सारनाथ स्थित परीक्षा केंद्र पर नीत सॉल्वर गैंग के सदस्य जूली कुमारी और परीक्षा केंद्र के बाहर उसकी मां बबीता कुमारी को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद पटना निवासी मास्टरमाइंड पीके पटना सचिवालय में लिपिक उसके बहनोई रितेश कुमार सहित 14 आरोपियों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है.
पुलिस कमिश्नर का कहना है कि नेट सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में सॉल्वर बैठाकर परीक्षा पास कराने का ठेका लेने वाले डॉक्टर अफरोज का चाचा बलरामपुर में बहुजन समाज पार्टी का नेता है और इस विधानसभा चुनाव में वह चुनाव लड़ने की भी तैयारी में है. इसलिए नेता की आड़ में अफरोज अपने आप को बचाने का प्रयास कर रहा है.
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