वाराणसी:धर्म और आस्था के शहर बनारस की पहचान अब यहां आने वाले पर्यटकों और श्री काशी विश्वनाथ धाम के भव्य स्वरूप के रूप में होने लगी है. विश्वनाथ धाम के निर्माण के बाद बनारस हर कोई आना चाहता है और बनारस की भव्यता बदल रहे शहर की खूबसूरती को निहारना चाहता है. यही वजह है कि टूरिस्ट इंडस्ट्री में काफी बड़ा बदलाव और बूम देखने को मिल रहा है. तेजी से नए होटल खुल रहे हैं, गली गली में गेस्ट हाउसेस बन रहे हैं ताकि यहां आने वाले मेहमानों को रोकने में दिक्कत ना हो लेकिन, इन सबके बीच क्या इन मेहमानों की सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है. यह सवाल बड़ा है क्योंकि कुछ दिन पहले लखनऊ के एक होटल में आग लगने की घटना में कई लोगों की जान गई और कई सवाल खड़े हुए. इसके बाद पूरे प्रदेश में होटल और गेस्ट हाउस इसको लेकर सख्ती की तैयारी की गई, लेकिन सब कुछ कागजों में ही दौड़ता रहा और हुआ कुछ नहीं हुआ. ऐसा ही हाल पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में होटल गेस्ट हाउसेस और पेइंग गेस्ट हाउसेस का है यहां कहने को तो 3000 से ज्यादा होटल व गेस्ट हाउसेस संचालित हो रहे हैं लेकिन इनमें से फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट सिर्फ 90 से 100 के पास ही मौजूद है. इसके बाद अब पहली बार 28 होटल्स को सील करने की कार्रवाई शुरू करने की तैयारी फायर डिपार्टमेंट कर रहा है.
वाराणसी में कई होटल बिना फायर सेफ्टी एनओसी के चल रहे. दरअसल, नियम के मुताबिक होटल और गेस्ट हाउसेस को पानी की टंकी की व्यवस्था अलग करने के अलावा फायर फाइटिंग के सभी इंतजाम करने के अतिरिक्त स्टाफ को भी पूरी तरह से फायर सेफ्टी के लिए ट्रेंड रखना अनिवार्य है. इन नियमों के अतिरिक्त होटल खोलने से पहले हर विभाग की अलग अलग विभाग की एनओसी के अलावा सबसे महत्वपूर्ण फायर डिपार्टमेंट की एनओसी को माना जाता है, लेकिन होटल और गेस्ट हाउस संचालित करने वाले लोग मोटी कमाई के चक्कर में बिना फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट इसका संचालन शुरू कर देते हैं.
काशी में बड़े पैमाने पर बिना फायर एनओसी के संचालित हो रहे होटल. इस बारे में चीफ फायर ऑफिसर आनंद सिंह राजपूत ने बताया कि वाराणसी में जितने तेजी से होटल खुल रहे हैं उतनी ही तेजी से नियमों की अनदेखी करने का सिलसिला और फायर सेफ्टी के बिना ही संचालित करने का काम भी किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जी-20 सम्मेलन को लेकर शासन के निर्देश पर वाराणसी के तमाम होटल गेस्ट हाउस में फायर सेफ्टी के इंतजाम को क्रॉस चेक किया गया था. इसमें वाराणसी के अलग-अलग इलाकों में जब होटल्स में पहुंचकर जांच शुरू की गई तो पता चला वाराणसी के ऐसे बड़े छोटे मिलाकर लगभग 50 से 100 के बीच होटल हैं जिनके पास फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट यानि फायर विभाग का एनओसी मौजूद है, जबकि अधिकांश होटल बिना फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट के ही संचालित किए जा रहे हैं. सर्वे में खुली पोल
चीफ फायर ऑफिसर ने बताया कि हाल ही में 78 होटल वाराणसी के परेड कोठी इलाके में निरीक्षण के दौरान फायर सेफ्टी नियमों को पूरा करते नहीं मिले हैं. इन सभी होटल्स को नोटिस जारी किया गया है और 28 ऐसे होटल जिले में संचालित हो रहे हैं जो नियमों को ताक पर रखकर संचालित किए जा रहे हैं, यहां फायर सेफ्टी का कोई इंतजाम नहीं है.
इन सभी को सील करने की कार्यवाही शुरू करने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए डीजी फायर को इन सभी होटल को सील करने की कार्यवाही करने के लिए पत्र लिखा गया है. आदेश मिलने के बाद इन सभी की सीलिंग की कार्रवाई शुरू होगी. इस लिस्ट में और भी कई होटल हैं, जिनको सील करने की तैयारी की जा रही है. इन्हें नोटिस भेजा गया है यदि सेटिस्फेक्ट्री उत्तर नहीं मिलता यह व्यवस्था नहीं करते हैं कोई इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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