उन्नावः जिले में गैंगरेप पीड़िता के लापता भतीजे के मामले में पुलिस 20 दिन बाद भी बच्चे को नहीं खोज पाई है. वहीं अपहृत को खोजने के लिए पुलिस की कई टीमें लगी हैं, लेकिन 20 दिन बीतने के बाद भी बच्चे का कुछ पता नहीं चल सका है. वहीं अब पुलिस के फेल होने के बाद एसटीएफ का सहारा लिया जायेगा. पुलिस के साथ ही अब एसटीएफ को बच्चे को खोजने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
जानकारी देते एएसपी विनोद कुमार पांडेय. न्यायालय ने दिया था लाई डिटेक्टर का आदेश
बीते दिनों आरोपित पक्ष के परिजनों ने पुलिस से लाई डिटेक्टर टेस्ट की मांग की थी. जिसे जिला न्यायालय ने अब पुलिस को लाई डिटेक्टर टेस्ट की अनुमति दे दी है. जिसके बाद उन्नाव पुलिस ने फोरेंसिक लैब को लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने की रिपोर्ट भेज दी गई है. अब एफएसएल से तारीख मिलने के बाद लाई डिटेक्टर टेस्ट करवाया जाएगा.
क्या है मामला
उन्नाव के बिहार थाना क्षेत्र में 5 दिसंबर 2019 को गैंगरेप पीड़िता को जिंदा जलाकर हत्या कर दी गई थी. अब पीड़िता का लगभग 7 वर्ष का भतीजा 2 अक्टूबर की रात यानी की बीते 20 दिन से लापता है और मासूम की तलाश में लगी पुलिस की 14 से अधिक टीमें अभी तक बच्चे को ढूंढ नहीं पाईं हैं. जिससे पुलिस के सिस्टम पर सवाल खड़े हो रहे और पुलिस बच्चे को खोजने में फेल दिख रही है.
अब एसटीएफ ढूंढेगी बच्चे को
वहीं पुलिस की कई टीमों को सफलता न मिलते देख अब एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) का सहारा लिया जाएगा. एसटीएफ बच्चे को खोजने में उन्नाव पुलिस की मदद करेगी. एडिशनल एसपी विनोद कुमार पांडेय ने मीडिया से बात करते हुए बताया पुलिस टीमों के साथ अब एसटीएफ का सहारा लिया जाएगा. एएसपी विनोद कुमार पांडेय ने बताया की अपहृत बच्चे की तलाश के लिए कई टीमों को लगाया गया है. टीम को अभी तक बच्चे का सुराग नहीं लगा है. साथ ही जिले के अलावा गैर जनपदों में भी सर्च अभियान चलाया जा रहा है.
पूरा घटनाक्रम
आपको बता दें की बच्चे के लापता होने पर मृतका की बहन की तहरीर पर पुलिस ने आरोपित परिवार के 4 सदस्यों और पड़ोस की एक महिला समेत 5 पर अपहरण का मुकदमा दर्ज किया है. करीब 10 दिनों तक पूछताछ के बाद भी पुलिस आरोपियों से कोई सुराग नहीं पता लगा सकी. वहीं सभी 5 आरोपियों को पुलिस ने जेल भेज दिया है. जिस पर आरोपी पक्ष ने पुलिस पर बिना साक्ष्य के एकतरफा कार्रवाई के गंभीर आरोप लगाए हैं. वहीं कोर्ट से आदेश होते ही पुलिस ने फोरेंसिक लैब लखनऊ (एफएसएल) को रिपोर्ट भेजकर आरोपियों के लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने के लिए समय मांगा है. FSL से समय निर्धारित होते ही बच्चे के अपहरण में नामजद जिला कारगार में बंद 5 आरोपियों का लाई डिटेक्टर टेस्ट किया जाएगा. जिससे मासूम के अपहरण का सच सामने आएगा.