उन्नाव :जिले के कारोवन गांव में इस्कॉन संस्था ने वृहद गोशाला का निर्माण कराया है. गोपाष्टमी पर गोशाला का उद्घाटन उन्नाव के डीएम रविंद्र कुमार और देवकीनंदन प्रभु ने किया. आयोजन में बड़ी संख्या में कृष्ण भक्त और साधु-संत शामिल हुए. देवकीनंदन प्रभु ने इशारों में कहा कि राम मंदिर के निर्माण की तरह मथुरा-काशी मंदिर पर भी सबको साथ आना होगा. साथ ही कहा कि मथुरा और काशी का मामला भी अयोध्या की तरह ही सुलझेगा.
30 बीघे में किया गया है निर्माण
विश्वस्तरीय संस्था इस्कॉन कानपुर के बाद उन्नाव में भी गोशाला का निर्माण कराया है. करोवान गांव में इस्कॉन संस्था ने 30 बीघे में 2.60 करोड़ रुपये की लागत से इस गोशाला का निर्माण कराया है. गोपाष्टमी पर उन्नाव के डीएम रविंद्र कुमार और इस्कॉन के जोनल सचिव देवकीनंदन प्रभु ने इसका उद्घाटन किया. लोगों ने गोवंशों को गुड़ और अन्य खाद्य सामग्री खिलाकर आशीर्वाद लिया. इस दौरान डीएम रविंद्र कुमार ने कहा कि गोशाला को भव्य बनाने में प्रशासन का पूरा सहयोग रहेगा. गोशाला में गायों को संरक्षण देने के साथ ही खेती को भी बढ़ावा दिया जाएगा.
500 गायों की है क्षमता
इस दौरान इस्कॉन मंदिर के जोनल सचिव देवकी नन्दन प्रभु ने कहा कि गोशाला में 500 गाय रखी जाएंगी. अभी 125 गाय आ चुकी हैं. उन्होंने कहा कि भक्ति वेदान्ता कृषि गोरक्षण संस्थान का उद्घाटन कार्यक्रम था. यह एक शैक्षणिक संस्थान है. यहां पर हम गांव के लोगों को बताएंगे कि गाय और कृषि दोनों का एक दूसरे संबंध है. आज गोशालाएं डोनेशन से चल रही हैं, जबकि ऐसा होना नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि किसान आत्महत्या कर रहे हैं, क्योंकि गाय नहीं है. हमें प्राकृतिक दृष्टिकोण से खेती करनी चाहिए. यहां पर यही करने का हम प्रयास कर रहे हैं.
साधु और महात्मा को होना होगा एकजुट
इस्कॉन के जोनल सचिव देवकीनंदन प्रभु ने मथुरा, काशी मंदिर का मामला कोर्ट में पहुंचने के सवाल पर कहा कि अब देखते रहिये जो हो रहा है. आयोध्या में तो हो गया है. मथुरा-काशी का भी कुछ निराकरण होगा. वैसे होगा वही, जो भगवान कृष्ण चाहते हैं, हम लोगों के चाहने से कुछ नहीं होता. अयोध्या के लिए कितना संघर्ष हुआ, सबने देखा है. मथुरा-काशी मंदिर मामले में संघर्ष के सवाल पर देवकीनंदन प्रभु बोले कि कोई काम करने में प्रथम बार तकलीफ होती है. जैसे बच्चा जन्म लेता है, फिर उसके बाद उठता है और गिरता है, लेकिन फिर सम्भल जाता है. ठीक उसी तरह प्रारंभिक दौर में दिक्कतें आती हैं. हम लोग चाहते हैं कि सभी साधु, महात्मा एकजुट हो जाएं. मथुरा भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली है और काशी शिव की नगरी है. स्वाभाविक है कि यह होना चाहिए. यानी कि