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उन्नाव: पुलिस पर ज्यादती का आरोप लगाकर आमरण अनशन पर बैठे अधिवक्ता

उत्तर प्रदेश के उन्नाव में जमीन विवाद के मामले में पुलिस द्वारा ज्यादती का आरोप लगाते हुए अधिवक्ता आमरण अनशन पर बैठ गए. अधिवक्ता का आरोप है कि पुलिस इंस्पेक्टर ने उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया. अधिवक्ता ने कहा कि ये अनशन तब तक जारी रहेगा जब तक कार्रवाई नहीं होगी.

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Published : Sep 21, 2019, 9:05 PM IST

उन्नाव में आमरण अनशन पर बैठे अधिवक्ता.

उन्नाव: जिले के बांगरमऊ कोतवाली क्षेत्र में जमीन विवाद के मामले में पुलिस द्वारा एक अधिवक्ता पर कार्रवाई की गई. इस पर पुलिस द्वारा ज्यादती का आरोप लगाते हुए बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने थाना इंचार्ज और एक दरोगा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अनशन पर बैठ गए. हड़ताल के बावजूद थाना इंचार्ज पर कार्रवाई न होने पर पीड़ित अधिवक्ता ने अब आमरण अनशन का सहारा लिया है.

जानकारी देते पीड़िता अधिवक्ता.


क्या है पूरा मामला
दरअसल, बांगरमऊ कोतवाली क्षेत्र में जमीन विवाद को लेकर कोतवाली गए अधिवक्ता आशीष शुक्ला को पुलिस ने विवाद करने को लेकर कोतवाली में बैठा लिया. अधिवक्ता आशीष की माने तो बिना अपराध के पुलिस ने न सिर्फ उनको लॉकअप में डाले रखा, बल्कि अधिवक्ता होने के बावजूद उन्हें जमीन पर बैठाए रखा.


अधिवक्ता का आरोप है कि उनका अपमान भी किया और काफी देर बाद बार के महामंत्री के पहुंचने के बाद पुलिस ने उन्हें रिहा किया. बांगरमऊ कोतवाल अरविंद सिंह द्वारा अधिवक्ता आशीष शुक्ला का किये गए अपमान से नाराज वकीलों ने हड़ताल कर कोतवाल को हटाए जाने की मांग की.

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हड़ताल के 8 दिन बाद भी जब बांगरमऊ कोतवाल नहीं हटाये गए तो पीड़िता अधिवक्ता साथी अधिवक्ताओं के साथ बार एसोसिएशन के सामने आमरण अनशन पर बैठ गए और बांगरमऊ कोतवाल पर कार्रवाई न होने तक आमरण अनशन जारी रहने की बात कही.

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