सुलतानपुर: केंद्र और राज्य की सरकारें भले ही प्रधानमंत्री आवास योजना से ग्रामीण अंचल के संतृप्त होने का दावा कर रही हों. लेकिन, जिले की पूरे लेदई ग्राम पंचायत आज भी प्रधानमंत्री आवास योजना और आवासीय पट्टे से कोसों दूर है. यहां की महिलाएं आज भी प्रदर्शन करते हुए अपना आशियाना मांग रही हैं. आखिर कब पूरा होगा इनका अपने घर का सपना.
कुड़वार ब्लॉक अंतर्गत पूरे लेदई ग्राम पंचायत बहमरपुर में आज भी सैकड़ों की संख्या में लोग एक झोपड़ी के नीचे 5 से 7 परिवार गुजर बसर करने को मजबूर हैं. यह मच्छरदानी मच्छरों से बचने के लिए नहीं लगाते हैं, बल्कि दो परिवारों के बीच में पर्दा डालने के लिए लगाते हैं. यहां सास और बहू दोनों एक ही छप्पर के नीचे रात गुजारती हैं. इसका कारण है अत्यधिक गरीबी और आर्थिक तंगी. ईटीवी भारत ने जब इस गांव की पड़ताल की तो महिलाएं भावुक हो उठीं और अपने घर के सपने को साकार करने के लिए मदद मांगने लगीं. देखने से ऐसा लग रहा था कि जैसे मानों प्रधानमंत्री आवास योजना और आवासीय पट्टे की सर्वे टीम की सूची में यह गांव आज तक कभी शामिल ही न किया गया हो. ऐसे में जिम्मेदार विकास विभाग और प्रशासनिक विभाग के अफसरों की सक्रियता की पोल खुलती नजर आ रही है.