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सुलतानपुर न्यायपालिकाकर्मी ने प्ले किया हनुमान का रोल, रामलीला में रावण बने अधिवक्ता की जला दी लंका

सुलतानपुर में रामलीला का आयोजन किया गया. इसमें न्यायपालिका कर्मी (Sultanpur judiciary personnel played role Hanuman) ने हनुमान का किरदार निभाया और अधिवक्ता रावण बने.

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Published : Sep 29, 2022, 11:28 AM IST

सुलतानपुर:वाराणसी जज के यहां पेशकार विष्णु जोशी करीब एक दशक से रामलीला में हनुमान जी का रोल अदा करते आ रहे हैं. दुर्गापूजा में जिले में रामलीला का आयोजन किया जाता है. वाराणसी में तैनात न्यायालयकर्मी ने हनुमान (Sultanpur judiciary personnel played role Hanuman) बनकर रावण बने अधिवक्ता की लंका दहन कर दी.

सुलतानपुर के इसौली में पहले रामलीला (Ramleela of Sultanpur) लालटेन की रोशनी में हुआ करती थी. रामलीला के संचालक आचार्य सूर्यभान पांडेय ने बताया कि करीब 150 वर्ष पूर्व बाबा सुचितदास जी महाराज गयाप्रसाद जोशी, हरिदयाल जायसवाल, सूर्यपाल यादव, महादेव प्रसाद श्रीवास्तव के साथ लालटेन जलाकर रामलीला की शुरुआत की थी.

शंकर पार्वती संवाद से ही रामलीला (Ramleela of Sultanpur) की शुरुआत होती थी. समय के साथ व्यवस्थाओं में तो बदलाव हुए. लेकिन, कलाकारों के संवाद, पटकथा, रूपरेखा और शैली में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया. आज भी स्थानीय कलाकारों द्वारा उसका मंचन अनवरत प्रतिवर्ष किया जा रहा है. खास बात यह है कि यहां की रामलीला हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल कायम करती है. हर साल गांव के कलाकार जो सरकारी नौकरी और प्राइवेट जॉब बाहर करते हैं. वह भी रामलीला के मंचन पर अपना किरदार निभाने छुट्टी लेकर आते हैं.

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रामलीला में पेशेवर कलाकार नहीं, बल्कि स्थानीय लोग ही रामचरितमानस के पात्रों की भूमिका निभाते हैं. इनमें कोई इंडियन आर्मी, सहायक अध्यापक, अधिवक्ता, सचिवालय डाकविभाग सहित कई सरकारी नौकरियों में हैं. यहीं नहीं विद्यार्थी भी इस रामलीला में मंचन कर दर्शकों के दिल में अपनी अदाकारी से जगह बनाते हैं. इसौली की रामलीला मण्डलेश्वर महादेव मंदिर के प्रांगण में होती है.


व्यासपीठ पर बैठे व्यास जितेंद्र श्रीवास्तव सभी कलाकारों का संवाद चौपाई के माध्यम से बोलते हैं, कलाकार केवल अभिनय करता है. वहीं, करीब 15 वर्षों से रामलीला में रावण का किरदार निभाने वाले एडवोकेट बृजेश कुमार जोशी ने बताया कि शुरू में उन्हें रावण का पात्र निभाने में बड़ी परेशानी होती थी. लेकिन, इतने वर्षों से एक ही किरदार निभाते-निभाते वह इसमें रम गए हैं. छुट्टियां लेकर रामलीला मंचन करने हर वर्ष गांव आते हैं. छह वर्षों से राम का किरदार निभाने वाले प्रशांत मिश्रा ने बताया कि भगवान राम के जीवन चरित्र का अभिनय निभाकर वह खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं.

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