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पिता के आगे झुका प्रशासन, 23 दिन बाद खुला डीप फ्रीजर, दोबाार होगा शव का पोस्टमार्टम

दिल्ली में संदिग्ध परिस्थितियों में शिवांक की हुई मौत मामले में 23 दिन बाद मंगलवार को डीप फ्रीजर खुला. डीएम के आदेश पर पहुंचे पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की सुरक्षा में डेड बॉडी पोस्टमार्टम हाउस लायी गई. दूसरे पोस्टमार्टम के लिए सीएमओ के आदेश पर डॉक्टरों का पैनल गठित हुआ है.

शिवांक मौत मामला
शिवांक मौत मामला

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Published : Aug 24, 2021, 7:20 PM IST

सुल्तानपुर :न्याय की आस में बेटे के शव को डीप फ्रीजर में 23 दिन से रखने वाले रिटायर्ड फौजी पिता के आगे आखिर प्रशासन को झुकना पड़ा. जिला प्रशासन ने अब शव का दोबारा पोस्टमार्टम (Post Mortem) कराने की अनुमति दे दी है. वहीं पोस्टमार्टम के बाद पिता अपने बेटे का आज दाह संस्‍कार भी कर देंगे.

दरअसल, दिल्ली के बेगमपुर में 31 जुलाई को शिवांक पाठक का उनकी पत्नी गुरुमीत और ससुराली जन होटल में जन्मदिन मना रहे थे. शराब पीने के बाद संदिग्ध परिस्थितियों में इसी समय शिवांक की मौत हो गई थी. इसके बाद भीमराव अंबेडकर हॉस्पिटल में मृत घोषित कर शव का पोस्टमार्टम कराया गया. वहीं बिसरा जांच के लिए भेजा गया.

शिवांक के शव का दोबारा होगा पोस्टमार्टम

जानें पूरा मामला-

मिली जानकारी के मुताबिक, सेवानिवृत्त सूबेदार शिवप्रसाद पाठक के बेटे शिवांक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत 1 अगस्त 2021 को दिल्ली में हो गई थी. शिवांक दिल्ली में वर्ष 2012 में एक कॉल सेंटर में नौकरी करता था. उसने दिल्ली में 24 अप्रैल 2012 को एक व्यक्ति के साथ मिलकर एक कंपनी खोली थी. कंपनी के पार्टनर ने दिल्ली की ही रहने वाली एक युवती गुरलीन कौर को एचआर के पद पर नियुक्त किया था. शिवांक ने इसी युवती के साथ 2013 में शादी की थी.

पिता सूबेदार शिवप्रसाद पाठक का आरोप है कि बेटे शिवांक के नाम काफी संपत्ति है, जिस पर युवती की नजर थी. उनका आरोप है कि उनके बेटे की हत्या की गई है, लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया. शव को पोस्टमार्टम के बाद सीधे उन्हें सौंप दिया गया. इसके बाद वह अपने बेटे के शव को लेकर 3 अगस्त को सुल्तानपुर जिले के कूरेभार थाना क्षेत्र में स्थित अपने पैतृक गांव मझौआ आ गए.

इसके बाद पिता शिवप्रसाद पाठक ने बेटे शिवांक की डेड बॉडी को डीप फ्रीजर रखी. वहीं 2 दिन पूर्व पुलिस की तरफ से पिता समेत परिजनों को नोटिस दी गई. जिसमें अंतिम संस्कार नहीं करने पर मुकदमा दर्ज करने की चेतावनी दी गई थी. मौके पर पहुंचे मुख्य राजस्व अधिकारी शमशाद हुसैन और बल्दीराय एसडीएम राजेश सिंह ने समझा-बुझाकर अंतिम संस्कार करने का प्रयास किया, लेकिन वे असफल रहे.

पिता शिव प्रसाद पाठक का कहना है कि बेटे की मौत से पर्दा उठाने के लिए उन्होंने कूरेभार थाने की पुलिस को भी सूचना दी, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई. बाद में शिव प्रसाद ने मुकदमा दर्ज कराने और दोबारा पोस्टमार्टम कराने के लिए अदालत में अर्जी दाखिल की थी. न्यायालय ने सुनवाई का क्षेत्राधिकार न होने के आधार पर 18 अगस्त को अर्जी खारिज कर दी.

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रंग लाया सांसद मेनका गांधी का प्रयास

मृतक के परिजन एवं रिटायर्ड डीएफओ रामदुलार पाठक सांसद मेनका गांधी से मदद मांगने नई दिल्ली पहुंच गए. सांसद मेनका गांधी के प्रयास से दोबारा अफसरों ने पोस्टमार्टम कराने को लेकर स्वीकृति प्रदान की. भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष आरए वर्मा पीड़ित के घर पहुंचे और जल्द दोबारा पोस्टमार्टम कराने का आश्वासन दिया. मंगलवार को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच एंबुलेंस से डेड बॉडी पोस्टमार्टम हाउस लायी गई. जहां डाक्टरों के पैनल की देखरेख में पोस्टमार्टम का कार्य शुरू कर दिया गया है. इससे पूर्व मुकदमा दर्ज करने की मांग भी पीड़ित परिवार जन की तरफ से की जाती रही है.

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बल्दीराय पुलिस क्षेत्राधिकारी राजाराम चौधरी ने बताया कि 23 अगस्त को जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की तरफ से ही पोस्टमार्टम कराने का आदेश दिया गया. जिसके अनुपालन वो और मजिस्ट्रेट यहां आए हैं. परिजनों से बात की है. पोस्टमार्टम कराने की कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है.

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