सुलतानपुर: लखनऊ-वाराणसी फोरलेन में 350 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. राष्ट्रीय राजमार्ग की दर से बाईपास की जमीन का भुगतान किया गया. लंबी जद्दोजहद के बाद प्रशासन ने अफसरों से हुई चूक को स्वीकार कर लिया है. किसानों के मुआवजे में संशोधन कराने और उन्हें वाजिब मुआवजे का भुगतान कराने का निर्देश दिया गया है.
मुआवजे के भुगतान में किया गया 'खेल'
लखनऊ-वाराणसी के बीच फोरलेन का निर्माण लगभग अंतिम चरण में है. इसके मुआवजा भुगतान में बड़े पैमाने पर खेल किया गया. पूर्व में तैनात अफसरों ने साढ़े तीन सौ करोड़ रुपये की हेरफेर करते हुए नेशनल हाईवे के भुगतान दर को बाईपास की दर बना दिया, जिसकी वजह से बड़े पैमाने पर किसानों को अतिरिक्त मुआवजे का भुगतान कर दिया गया. जिसके बाद खाते फ्रीज कराए गए और प्रशासनिक कार्रवाई चली.