सुलतानपुर: जिले में डॉक्टरों की लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है. यहां के जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने जिस मरीज को मृत घोषित कर फ्रिजर में रख दिया, वह जिंदा था. एक उम्मीद के साथ घरवाले उसे लेकर आस-पास के अस्पतालों से लेकर राजधानी लखनऊ तक भागे, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. हालांकि, अपने बचाव में अस्पताल के डॉक्टर कहते हैं कि कई बार मौत हो जाने के बावजूद शरीर में हरकत होती रहती है, जिसे जिंदा समझ लिया जाता है, लेकिन सवाल यह है कि मृत घोषित करने से पहले क्या सही तरह से जांच की गई थी.
जिला अस्पताल का है मामला
मामला जिला अस्पताल का है. सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद नगर कोतवाली अंतर्गत दरियापुर मोहल्ला निवासी 65 वर्ष के अब्दुल माबूद बीते गुरुवार को जिला अस्पताल में भर्ती के लिए लाए गए, लेकिन ऑक्सीजन की किल्लत देख परिजन निजी अस्पताल की ओर रवाना हो गए. रात भर एक से दूसरे अस्पताल भागते रहे. आखिरकार थक हारकर परिवार वापस जिला अस्पताल लौटा आए, जहां इमरजेंसी विभाग के चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
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