सुलतानपुर: भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण के वनवास के समय की पंचवटी की तस्वीर देशी-विदेशी पर्यटकों को कलयुग में भी दिखाई देगी. वन विभाग ने रामायण काल की उसी पंचवटी का सजीव चित्रण पौधरोपण के जरिए करने का निर्णय लिया है. सुलतानपुर के राम वन पथ गमन मार्ग पर इसे तैयार करने की कवायद की जा रही है. अति दुर्लभ दृश्य को तैयार करने के लिए ज्योतिषाचार्य और विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है.
राम वन पथ गमन मार्ग का हो रहा चौड़ीकरण
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से अयोध्या-प्रयागराज मार्ग को राम वन पथ गमन घोषित किया गया है. योगी सरकार की तरफ से बजट जारी कर इस मार्ग के चौड़ीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है. इसी पहल से जोड़ते हुए वन विभाग रामायण काल के राम वन पथ गमन मार्ग पर पंचवटी बनाने की कार्य योजना तैयार कर रहा है. ज्योतिषियों की मदद से इसका खाका तैयार किया गया है कि किस कोण में कौन से पौधे लगाए जाएंगे.
पांच प्रकार के लगाए जाएंगे पौधे
प्रभागीय वन निदेशक आनंदकेश्वर बताते हैं, 'पंचवटी की पहचान वैदिक काल से रही है. इसमें पांच वृक्ष लगाए जाएंगे-बेल, आंवला, पीपल, अशोक और बरगद. यह पांचों दिशाओं में लगाए जाते हैं. उत्तर की दिशा में बेल और दक्षिण दिशा में आंवला लगाया जाता है. पूरब की दिशा में पीपल और पश्चिम की दिशा में बरगद का पेड़ लगाया जाता है. अशोक के पौधे के साथ इन पांच वृक्षों को मिलाकर पंचवटी का निर्माण किया जाता है. इसकी प्रमाणिकता हमें रामायण काल से मिलती है.'