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सुलतानपुर: शिक्षा का अपमान कर रहे शराबी, स्कूल प्रांगण में पीते हैं शराब

जिला मुख्यालय स्थित केंद्रीय विद्यालय, जहां बच्चे शिक्षा ग्रहण कर देश का भविष्य निर्धारित करते हैं. उस परिसर को शराबियों ने अपना अड्डा बन रखा है. यहां दारू की बोतलें खुलेआम पड़ी मिलती हैं. आवारा कुत्ते और पशुओं की सैरगाह बन गया है. जिसकी वजह से क्रीड़ा समेत अन्य प्रतियोगिताएं बंद हो चुकी है.

शिक्षा का अपमान कर रहे शराबी

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Published : Mar 29, 2019, 1:04 PM IST

सुल्तानपुर :जिला मुख्यालय पर केंद्रीय विद्यालय संचालित है. जो शिक्षा के लिहाज से काफी बेहतर माना जाता है. सैनिक व शहीदों के नौनिहालों के लिए केंद्र सरकार जो भी शिक्षा में बुनियादी सुधार करती है. वह सबसे पहले यहीं लागू होता है. इसके बाद निजी विद्यालय और सरकारी विद्यालय उसे अमल लाते हैं, लेकिन नेशनल हाईवे अथॉरिटी की तरफ से सेंट्रल स्कूल की बाउंड्री तोड़े जाने के बाद इसका परिसर शराबियों का अड्डा बन गया है. यहां दारू की बोतलें खुलेआम पड़ी मिलती हैं. आवारा कुत्ते और पशुओं की सैरगाह बन गया है. जिसकी वजह से क्रीड़ा समेत अन्य प्रतियोगिताएं बंद हो चुकी है.

सुल्तानपुर: शिक्षा का अपमान कर रहे शराबी

लखनऊ वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर केंद्रीय विद्यालय संचालित है. जो एक से कक्षा 12 तक की शिक्षा-दीक्षा करा रहा है. यहां सैनिक और सेंट्रल स्कूल के देश भर से बच्चे आते हैं. जम्मू कश्मीर हो या लेह लद्दाख या फिर अरुणाचल प्रदेश की पहाड़ियों में देश की सुरक्षा में सैनिक जूझ रहे हैं. इनके बच्चे यही शिक्षा लेते हैं. देश प्रेम का जज्बा शिक्षकों की तरफ से भरा जाता है. कुछ दिन पूर्व नेशनल हाईवे अथॉरिटी आफ इंडिया और फोरलेन के अधिकारियों ने बाउंड्री वाल की गिरा दी गई. जिसकी वजह से शाम ढलते ही शराबियों का जमावड़ा लगने लगता है. बच्चे पढ़ने आते हैं, लेकिन शराब की बोतलें और रैपर देखकर वापस भागते हैं. शिक्षकों से पूछते हैं, लेकिन शिक्षक कुछ बताने में खुद को असमर्थ पाते हैं. ऐसे में शिक्षा के मंदिर को सजाने में अधिकारी संवेदनहीनता बरत रहे हैं. जिसकी वजह से अभिभावकों में रोष है. यहां तक कि शिक्षक और प्रधानाचार्य खासे नाराज हैं.

केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य के पी यादव कहते हैं कि लखनऊ वाराणसी फोरलेन प्राधिकरण से जुड़े अधिकारियों ने बिना पूर्व सूचना के दिवाली गिरा दी गई. जिसकी वजह से अवांछित तत्वों का स्कूल परिसर में प्रवेश हो रहा है. स्कूल में 29 शिक्षक और कर्मचारियों के परिवार रहते हैं. जो खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. कुत्ते और आवारा पशुओं का भी यह जमावड़ा देखा जा रहा है. सुबह शाम शराब के बोतल और रैपर सफाई कर्मचारियों से फेंकवाए जाते हैं.

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