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सुलतानपुर: एक अधिवक्ता की अनूठी पहल, लॉकडाउन में सिपाहियों को पिला रहे चाय - सिपाहियों को चाय पिला रहे

यूपी के सुलतानपुर में एक अधिवक्ता ने अनूठी पहल शुरू की है. लॉकडाउन के दौरान एक अधिवक्ता ड्यूटी कर रहे पुलिस वालों को चाय पिला रहे हैं. उनका कहना है कि पुलिसवालों को खाना तो मिल जाता है, लेकिन लॉकडाउन के कारण चाय नहीं मिल पाती. इसलिए वो उनको चाय पिला रहे हैं.

एक अधिवक्ता की अनूठी पहल
एक अधिवक्ता की अनूठी पहल

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Published : Apr 7, 2020, 11:00 AM IST

सुलतानपुर:लॉकडाउन के दौरान जिला एवं सत्र न्यायालय में मुकदमे की पैरवी करने वाले एक अधिवक्ता ने नयी पहल शुरु की है. उन्होने चुनौतियों से जूझ रहे पुलिसवालों की थकावट को दूर करने का फैसला किया है. अधिवक्ता कमलजीत सिंह चाय की केतली लेकर हर सड़क हर गली टहल रहे हैं. जहां भी कोई वर्दीधारी दिखता है उसे गरमा-गरम चाय पिलाते हैं. ईटीवी भारत ने उनकी इस अनूठी पहल को लेकर उनसे खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन वृत्त से उन्होंने यह संकल्प लिया है.

एक अधिवक्ता की अनूठी पहल
अधिवक्ता कमलजीत सिंह जिला एवं सत्र न्यायालय में फौजदारी अधिवक्ता हैं. वह सामान्य दिनों में मुकदमों की पैरवी करते हैं. वादकारियों का पक्ष न्यायालय में रखते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने नागरिकों के समक्ष वर्दीधारियों की चुनौती को दर्शाने और उनकी मदद का संकल्प लिया है. वह शर्म और संकोच छोड़ते हुए चाय की केतली लेकर सिपाहियों को चाय पिला रहे हैं. सिपाहियों की चुस्ती को बढ़ा रहे हैं.
एक अधिवक्ता की अनूठी पहल
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान अधिवक्ता कमलजीत ने बताया कि वो न्यायालय में अधिवक्ता हूं. साथ ही उनका कहना था कि लॉकडाउन का पालन कराने के लिए पुलिस वाले चुनौतियों से जूझ रहे हैं. उन्हें खाना तो मिल जाता है, लेकिन चाय नहीं मिल पाती है. उन्होंने बताया कि इसी को देखते हुए वो वहां-वहां जाते हैं जहां पुलिसवालों की ड्यूटी है. वो सुबह और शाम के समय बिस्किट खिला कर चाय पिलाते हैं. उनका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन्होने सीख ली है. कोई सामान पहुंचाना होता है तो वह भी वो करते हैं. उनका उद्देश्य है अधिक से अधिक लोगों की मदद कर सकें.पुलिसकर्मियों की सेवा करने वाले अधिवक्ता का यह जुनून इन दिनों सुलतानपुर में चर्चा का विषय बना हुआ है. वैसे तो वर्दीधारियों को देखकर लोग दूर भागते हैं, उन पर तमाम आरोप और प्रत्यारोप लगाते हैं, लेकिन इस अधिवक्ता ने वर्दी और अधिवक्ता के बीच की खाई को दूर करने का काम किया है.

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