सोनभद्र: जिले के नवागत मुख्य अभियंता सिंचाई हरप्रसाद ने अधीक्षण अभियंता खंड एक दीपक कुमार और अधीक्षण अभियंता खंड दो सीमांत अग्रवाल के साथ निर्माणाधीन कनहर सिंचाई परियोजना का दौरा किया. वे सबसे पहले फील्ड हॉस्टल पहुंचे. इस दौरान उन्होंने खंड में हो रहे कार्यो की प्रगति रिपोर्ट जानी. इसके बाद कनहर सिंचाई परियाजना के रखे मॉडल के माध्यम से पूरे परियोजना की जानकारी ली.
सोनभद्र: कनहर परियोजना का मुख्य अभियंता ने किया निरीक्षण
यूपी के सोनभद्र में नवागत मुख्य अभियंता सिंचाई हरप्रसाद ने निर्माणाधीन कनहर सिंचाई परियोजना का निरीक्षण किया. उन्होंने कनहर सिंचाई परियाजना के रखे मॉडल के माध्यम से पूरे परियोजना की जानकारी ली.
उन्होंने मॉडल के माध्यम से डूब और सिंचित गांव के बारे में भी जानकारी ली. इसके बाद वे बांध पर हो रहे पिचिंग की साइट पर पहुंचे. निरीक्षण के क्रम में बांध की फिनिशिंग को देखकर उन्होंने नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि पत्थरों को सही से फिक्सिंग करें. बोल्डर के जॉइंट को अच्छे से भरें, ताकि बांध की मजबूती बनी रहे. मुख्य अभियन्ता ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि मुख्य बांध का काम मार्च 2021 तक पूरा हो जाएगा. बांध के निर्माण में बजट में कोई कमी नहीं है. बारिश के बाद अक्टूबर से निर्माण का कार्य तेजी से शुरू हो जाएगा. उन्होंने बताया कि रेलवे और वन विभाग की जमीन के लिए भी क्लीयरेंस मिल गया है. इसलिए अब बांध के निर्माण में कोई भी बाधा सामने नहीं है.
क्या है कनहर सिंचाई परियोजना
सोनभद्र जिला अक्सर सूखे की चपेट में रहता है. आदिवासी बाहुल्य वाले इस क्षेत्र में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सके, इसके लिए 1976 में तत्कालीन सरकार कनहर सिंचाई परियोजना लेकर आई थी. 43 साल बाद भी यह परियोजना पूरी न हो सकी. इसके निर्माण के लिए जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई थी वे आज भी मुआवजे के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं. बाद में पिछली सपा सरकार में इस परियोजना का काम फिर से शुरू हुआ. इस परियोजना के बन जाने के बाद लगभग 35467 हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचित करने का प्रस्ताव है. इस परियोजना के निर्माण के दौरान दुद्धी एवं चोपन विकासखण्डों के लगभग 108 गांवों के सैकड़ों परिवारों का विस्थापन भी हुआ है, जिन्हें सरकार मुआवजा प्रदान कर चुकी है.