सीतापुर: जिले में पूरी तरह से बंद चल रहे प्राइवेट क्लीनिकों और निजी नर्सिंग होम का संचालन जल्द ही शुरू किया जायेगा. प्रशासन ने इसके संचालन के लिए डॉक्टरों के हलफनामे की बाध्यता समाप्त कर दी है, जिसके बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के तत्वावधान में डॉक्टरों ने एक बैठक कर अपने क्लिनिक और नर्सिंग होम का संचालन शीघ्र ही शुरू करने का निर्णय लिया है.
सीतापुर: डीएम ने दी निजी चिकित्सा सेवाएं शुरू करने की अनुमति
उत्तर प्रदेश के सीतापुर में बुधवार को आईएमए के पदाधिकारियों ने डीएम से मुलाकात करके प्राइवेट चिकित्सा सेवाएं शुरू करने को लेकर चर्चा की. इसके बाद डीएम ने प्राइवेट डॉक्टरों को शपथपत्र देने की बाध्यता समाप्त कर दी है. साथ ही गाइडलाइन का पालन करते हुए प्राइवेट चिकित्सीय सेवाएं संचालन करने की अनुमति प्रदान की है.
कोरोना वायरस के मद्देनजर लॉकडाउन लागू होने के बाद सभी प्राइवेट डॉक्टरों ने अपने क्लिनिक और नर्सिंग होम का संचालन बंद कर दिया था. बाद में आईएमए की पहल पर कुछ प्राइवेट डॉक्टरों ने काम शुरू किया था. फिर प्रशासन ने एक अभियान चलाकर जब कोविड-19 के प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के आरोप में उनके विरुद्ध कार्रवाई शुरू की. इस पर सभी प्राइवेट डॉक्टरों ने अपने क्लिनिक और नर्सिंग होम बंद कर दिए.
शपथ पत्र की मांग
इसके बाद क्लिनिक और नर्सिंग होम के संचालन के लिए उसमें सेवाएं देने वाले सभी लोंगो से शपथ पत्र की मांग की गई. अधिकांश डॉक्टर यह शपथ पत्र देने को तैयार नहीं थे. लिहाजा इनका संचालन शुरू नहीं हो पा रहा था. प्रशासन ने पूरे जिले में 12 नर्सिंग होम संचालित करने की अनुमति प्रदान की थी, जिसमें नगर क्षेत्र के पांच नर्सिंग होम शामिल थे. इसलिए कागजातों की औपचारिकता अभी तक पूरी न होने के कारण इनका संचालन भी शुरू नहीं हो पाया था.
शपथपत्र देने की बाध्यता समाप्त
बुधवार को आईएमए के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर विस्तृत चर्चा की, जिसके बाद जिलाधिकारी ने उन्हें शपथपत्र देने की बाध्यता समाप्त कर दी. स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन का पालन करते हुए क्लिनिक और नर्सिंग होम का संचालन करने की अनुमति प्रदान कर दी. डीएम से मुलाकात के बाद डॉक्टरों ने एक बैठक कर जल्द ही अपनी सेवाएं शुरू करने की रणनीति तैयार की है. उन्होंने बताया कि जनता की परेशानियों को देखते हुए उन्होंने इनका संचालन शुरू करने का निर्णय लिया है.