सीतापुर: प्रदेश सरकार द्वारा चलाया जा रहा गड्ढा मुक्त अभियान सिर्फ कागजों पर पूरा होता दिख रहा है. सरकार भले ही प्रदेश की सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का दम्भ भर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. सीतापुर जनपद की अधिकांश सड़कें वर्षों से जर्जर पड़ी हुई हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों का इस ओर ध्यान नहीं जा रहा है.
10 साल पहले बनी सड़क की मरम्मत न होने से जर्जर हो गए हैं हालात. 10 साल पहले बनी थी सड़क
जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर विकास खण्ड कसमंडा क्षेत्र के कमलापुर से बभेरा गांव जाने वाली सड़क का निर्माण लगभग 10 वर्ष पूर्व हुआ था जो अब पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. इस मार्ग से दो वर्ष पूर्व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बभेरा गांव जन ग्रामीण चौपाल में शामिल होने के लिए गुजरे थे. उस दौरान अधिकारियों ने आनन-फानन में रोड के गड्ढों की पैचिंग कर रस्म अदायगी कर दी थी. उनके जाने के चंद रोज बाद सड़क पूरी तरह उखड़ गयी और उसमें बड़े-बड़े गड्ढे हो गये.
रोजाना इस सड़क से गुजरने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सड़क से गुजरने वाले लोग बभेरा होते हुए मछरेहटा, मिश्रिख, नैमिषारण्य के लिए इसी मार्ग से गुजरते हैं. वहीं इसी मार्ग पर कई गन्ना क्रय केन्द्र हैं जिस के चलते इस रोड पर दिन रात बड़ी संख्या में वाहनों का आवागमन रहता है, लेकिन प्रशासन इसके प्रति बेपरवाह बना हुआ है. वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी सूबे की हर सड़क को गड्ढा मुक्त करने की बात तो करते हैं लेकिन धरातल पर ऐसा होता दिख नहीं रहा है.
सड़क पर गड्ढों से होते हैं हादसे
कमलापुर से बभेरा जाने वाली सड़क का निर्माण 10 वर्ष पूर्व कराया गया था. उसके बाद रखरखाव के अभाव में सड़क जर्जर होती गई. 2 साल पहले इस सड़क से बभेरा गांव के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुजरे थे. उस दौरान पीडब्ल्यूडी द्वारा आनन-फानन में जहां-तहां बड़े-बड़े गड्ढों को भरा गया था. लेकिन कुछ दिन बाद ही सड़क के हालात फिर खराब हो गए. यह मार्ग हमीरपुर, नयागांव, अकबरपुर, प्रताप बेहड़, समुद्दपुर, दिक्षित पुरवा, पतारा, सुकहा पुरवा, मलेली, लालपुर, जैरामपुर, संदना, मिश्रिख, मछरेहटा, नैमिष और जिला मुख्यालय जाने वाले दर्जनों मार्गों को जोड़ती है. इसके चलते इस रोड से प्रतिदिन हजारों लोगों का आवागमन रहता है.