सीतापुरः सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दी गई अंतरिम जमानत के बाद ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट प्रथम सीतापुर ने फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर को रिहा किए जाने का आदेश जारी कर दिया. फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर की ओर से 50-50 हजार की दो जमानत दाखिल की गईं. इसी क्रम में मोहम्मद जुबैर की 6 दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड अग्रिम आदेशों तक स्थगित कर दी गई है.
फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर की रिमांड स्थगित, जमानत मंजूर
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दी गई अंतरिम जमानत के बाद ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट प्रथम सीतापुर ने फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर को रिहा किए जाने का आदेश जारी कर दिया.
गौरतलब है कि मोहम्मद जुबैर पर कुछ धार्मिक गुरुओं को 'घृणा फैलाने वाला' बताने का आरोप है जिसके संबंध में थाना खैराबाद में 1 जुलाई को हिन्दू शेर सेना के अध्यक्ष भगवान शरण की तहरीर पर केस दर्ज कराया गया था. इसी मामले में दिल्ली पुलिस मोहम्मद जुबैर को 07 जुलाई को ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट प्रथम की कोर्ट में लेकर आई थी. कोर्ट ने जुबैर को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया था. इसके बाद पुलिस ने सम्बंधित न्यायालय से रिमांड का अनुरोध किया था जिस पर कोर्ट ने 8 जुलाई को सुबह 10 बजे से 14 जुलाई की दोपहर 12 बजे तक पुलिस रिमांड में दिये जाने का आदेश दिया था. इसी आदेश के तहत पुलिस आज़ रिमांड पर जुबैर को ले जा रही थी कि इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने मोहम्मद जुबैर की अंतरिम जमानत मंजूर कर ली.
फिलहाल सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद सीतापुर से संबंधित मामले में अंतरिम जमानत मिलने के बावजूद मोहम्मद जुबैर को राहत मिलती दिख नहीं रही है. सूत्रों की माने तो पड़ोसी जिले लखीमपुर की पुलिस ने भी आज मोहम्मदी थाने में वर्ष 2021 में मोहम्मद जुबैर के खिलाफ एक स्थानीय पत्रकार द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी के मामले में वारंट के लिए न्यायालय में प्रतिवेदन दिया है. यह भी खबर है कि मोहम्मदी पुलिस के एक निरीक्षक द्वारा जुबैर के खिलाफ लखीमपुर से संबंधित मामले में भी न्यायालय से वारंट बी प्राप्त कर लिया गया है.
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