शामली : जिले की शुगर मिलों में पेराई सत्र शुरू हो चुका है. लेकिन, किसानों को अब तक पिछले वर्ष का बकाया भुगतान भी नहीं मिल पाया है. सोमवार को मिलों द्वारा भुगतान नहीं करने से आक्रोशित किसानों ने शामली जिला कलेक्ट्रेट पर धरना-प्रदर्शन कर आक्रोश जताया.
कलेक्ट्रेट पर किसानों का धरना-प्रदर्शन किसान यूनियन के धरना-प्रदर्शन में समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के पदाधिकारी भी मौजूद रहे. सपा जिलाध्यक्ष अशोक चौधरी ने बताया कि सरकार ने 14 दिनों में गन्ना भुगतान का वायदा किया था. लेकिन, सूबे के गन्ना मंत्री अपने क्षेत्र की थाना भवन चीनी मिल से भी पिछले सत्र का गन्ना भुगतान भी सुनिश्चित नहीं करवा पा रहे हैं. रालोद नेता प्रसन्न चौधरी ने कहा कि हम किसान हैं. हम सरकार से भीख नहीं अपना हक मांग रहे हैं. सरकार अंधी और बहरी है, जिसे ना कुछ दिखाई दे रहा है और ना ही कुछ सुनाई दे रहा है. इस सरकार में किसान परेशान हैं.
किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी सवित मलिक ने धरना-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा कि नये पेराई सत्र का भुगतान तो दूर किसानों को पिछले पेराई सत्र का बकाया भी नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि या तो हमारा गन्ना भुगतान कराएं या फिर हमें लिख कर दें कि यह सरकार झूठी है. इसके बाद हम किसी भी अधिकारी को परेशान नहीं करेंगे.
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जिला गन्ना अधिकारी विजय बहादुर सिंह को किसानों ने धरना-प्रदर्शन के दौरान अपने बीच बैठा रखा था. विजय बहादुर सिंह ने किसानों को बताया कि जिले की तीनों चीनी मिलों पर पिछले पेराई सत्र का 342 करोड़ का गन्ना भुगतान बकाया चल रहा है. शामली चीनी मिल पर 97 करोड़, ऊन चीनी मिल पर 65 करोड़ और थानाभवन मिल पर 178 करोड़ का पिछला भुगतान शेष है. शामली मिल ने 21 दिसंबर, ऊन ने 10 दिसंबर और थानाभवन मिल ने नवंबर के आखिर तक पूरा भुगतान सुनिश्चित कराने का वायदा किया है.
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