शाहजहांपुर: शाहजहांपुर के डिग्री कॉलेजों के तमाम प्रोफेसर्स ने रविवार को इकट्ठा होकर नदी के किनारे उल्लू का पूजन (Owl worship in Shahjahanpur) किया. ये प्रोफेसर्स पिछले 12 सालों से उल्लू का पूजन करते चले आ रहे हैं. यह उल्लू पूजन दीपावली से ठीक 1 दिन पहले होता है.
OMG! शाहजहांपुर में उल्लू पूजन, जानें क्या है इसकी वजह
शाहजहांपुर में डिग्री कॉलेजों के प्रोफेसर्स ने उल्लू का पूजन (Owl worship in Shahjahanpur) किया. ये प्रोफेसर्स पिछले 12 सालों से उल्लू का पूजा कर रहे हैं.
लोगों का मानना है कि पूरे साल की सबसे बड़ी समस्या से निजात पाने के लिए सूर्यास्त के वक्त इस उल्लू पूजन को किया जाता है. उसके बाद इस उल्लू को नदी में प्रवाहित कर दिया जाता है. इस बार का उल्लू पूजन देश और उत्तर प्रदेश की सरकार के खिलाफ विपक्षियों की घटिया सोच, रूस यूक्रेन की लड़ाई से पैदा हुए हालात और मिलावटखोरी से निजात पाने के लिए किया गया.
दरअसल, 'पृथ्वी संस्था' की ओर से उल्लू पूजन किया गया. जिसमें स्वामी सुखदेवानंद डिग्री कॉलेज से केमिस्ट्री के प्रो. आलोक सिंह, कॉमर्स के प्रो. अनुराग अग्रवाल, इतिहास के प्रोफेसर विकास खुराना और फिजिक्स के प्रोफेसर आलोक कुमार सहित कई प्रोफेसर गर्रा नदी के किनारे इकट्ठे हुए. उल्लू के लिए बनाई हुई विशेष आरती गाते हुए सभी ने विधि विधान से उल्लू का पूजन किया. सामने प्रतीकात्मक रूप में उल्लू की तस्वीर रखकर उसकी आरती उतारी गई. उल्लू पूजन कार्यक्रम में शामिल हुए प्रोफेसर्स का कहना है कि रूस और यूक्रेन की लड़ाई से सभी देश के हालात खराब हो चुके हैं. दोनों देशों के युद्ध के पीछे उनके दिमाग पर उल्लू बैठा हुआ है, इसीलिए उल्लू पूजन करके विश्व शांति की अपील की गई है
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