भदोही:उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ ने 2017 में सरकार बनाते ही 'मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना' की घोषणा की थी. जिसका मकसद था कि उत्तर प्रदेश में कम आय वाले निर्धन परिवारों की शादियां सम्पन्न करायी जा सके, मगर यूपी सरकार के भ्रष्ट और लापरवाह अधिकारियों ने तो उनकी मंशा पर पानी फेरने की कसम खा रखी है. वो अपनी कलाओं से बाज नहीं आ रहे हैं. कई मरतबा खबरों में ऐसे खुलासे पढ़े होंगे कि सामूहिक विवाह में पहले से शादीशुदा जोड़े दोबारा शादी करते पाये गये, या सरकारी धन पाने के लिये फर्जी शादी रचाई.
मतलब साफ है कि सरकारी विभाग और उनके अधिकारी अपने नकारेपन को पेश करते हुए शादी में शामिल हो रहे जोड़ों का सत्यापन नहीं करते. ऐसी ही लापरवाही पेश करते हुए भदोही के समाज कल्याण अधिकारी महेंद्र यादव ने अनोखी बात कही है. उनका कहना है कि आज शुक्रवार को होने वाले सामूहिक विवाह कार्यक्रम में कितने जोड़ों की शादी संपन्न होगी यह तय नहीं हो सका है.