भदोही: जिले के ज्ञानपुर विधानसभा क्षेत्र के चकलूटी गांव के नाम एक अजीबो-गरीब रिकॉर्ड दर्ज है. दरअसल इस गांव में आजादी के बाद से सिर्फ एक ही परिवार के लोग प्रधान बनते आए हैं, जबकि जिले के अन्य किसी गांव में ऐसा नहीं है. चकलूटी में मेवा लाल यादव के परिवार ने स्वतंत्रता के बाद से ही ग्रामसभा पर कब्जा जमा रखा है.
तीसरी पीढ़ी बनी ग्राम प्रधान. 1955 से लेकर आज तक मेवा लाल के परिवार को कभी ग्राम प्रधान के चुनाव में हार का सामना नहीं करना पड़ा है. इन 65 सालों में गांव का काफी विकास हुआ है. यह गांव जिले के सबसे साफ गांवों में से एक है.
ज्ञानपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत चकलूटी गांव की आबादी लगभग 700 है. साल 1955 में पंचायती राज लागू होने के बाद से इस गांव में सबसे पहले स्व. राम मूरत यादव यहां के ग्राम प्रधान बने थे. राम मूरत यादव ने 40 साल गांव की सेवा की, इसके बाद उनके ही छोटे भाई स्व. राज देवा यादव 15 साल के लिए इस गांव के प्रधान बने.
वर्तमान समय में स्व. राम मूरत यादव की पतोहू इसरावती पिछले तीन पंचवर्षीय से गांव की प्रधान हैं. उनके पति मेवा लाल यादव बताते हैं कि गांव में कभी ऐसी स्थिति नहीं बनी कि कोई दूसरा चुनाव में हमारे वोट के आसपास भी खड़ा हो सके. हमारे परिवार ने शुरू से ही गांव के विकास के बारे में सोचा है और इसी का नतीजा है कि आज हम यह रिकॉर्ड बनाने में सफल रहे हैं.
ग्राम प्रधान इसरावती यादव बताती हैं कि हमारे गांव की एक भी नाली या हैण्डपम्प टूटा नहीं मिलेगा. जिलाधिकारी से कई बार निवेदन करने के बाद गांव के स्कूल को स्मार्ट स्कूल का दर्जा मिला है. हर पंचवर्षीय योजना में सड़कों के निर्माण कार्य किए जाते हैं. गांव में सामूहिक पेयजल की भी व्यवस्था है. चकलूटी गांव जिले के सबसे स्वच्छ गांव में से एक होने का गौरव प्राप्त कर चुका है.