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संभल : पंचायत चुनाव नजदीक आते ही जनता ने खोले विकास की पोल

संभल में पंचायत चुनाव को लेकर ग्रामीण भी सक्रिय हैं. प्रधानों के बस्ते जमा होते ही ग्रामीण गांव के विकास के मुद्दों पर खुलकर बात कर रहे हैं. ETV भारत की टीम ने संभल के जनेटा ग्राम पंचायत पहुंचकर वहां के लोगों से विकास कार्यों की जानकारी ली. देखें रिपोर्ट-

संभल पंचायत चुनाव
संभल पंचायत चुनाव

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Published : Mar 13, 2021, 11:18 AM IST

संभल : उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायतों के चुनाव का बिगुल बज चुका है. पंचायत चुनाव को लेकर प्रदेश के हर जिले में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है. प्रधानों के बस्ते जमा होते ही ग्रामीण गांव के विकास के मुद्दों पर खुलकर बात कर रहे हैं. ETV भारत की टीम ने संभल के जनेटा ग्राम पंचायत पहुंचकर वहां के लोगों से 5 साल में हुए विकास कार्यों की जानकारी ली.

केंद्र और राज्य सरकारें तो गांव के विकास के लिए बहुत सी योजनाएं चलाती हैं. उन योजनाओं पर भारी भरकम पैसा भी खर्च करती है, लेकिन ये योजनाएं गांव तक आते-आते दम तोड़ देती हैं. गरीब और जरूरतमंद लोगों को इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है. जिला मुख्यालय से महज 20 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम जनेटा का ETV भारत की टीम ने जायजा लिया. यहां बातचीत में कुछ लोग विकास के मुद्दे पर बात करते आग बबूला हो उठे.

संभल पंचायत चुनाव 2021.

लोगों का कहना था कि गांव में विकास तो दूर, यहां बहुत से लोगों को मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल पाई हैं. लोगों ने बताया कि गांव में बहुत ही कम विकास कार्य हुए हैं. विकास हुआ भी है, तो प्रधान से जुड़े करीबी लोगों का हुआ है. गरीब ग्रामीणों को किसी योजना का लाभ नहीं मिल पाया.

गांव की सड़कें और नालियां हैं खराब

गांव हो या शहर, सभी जगह की तरक्की का रास्ता सड़कों से ही होकर जाता है. अच्छी सड़कें होंगी, तो यातायात सुगम होगा और यातायात सुगम होगा, तो गांव तक हर चीज आसानी से पहुंचेगी. जनेटा गांव निवासी बाबू ने बताया कि सरकार ने गांव के विकास के लिए पैसा तो बहुत दिया, लेकिन सारा पैसा हड़प लिया गया. गांव के विकास में कुछ नहीं लगा. गरीबों के लिए कुछ सुविधा नहीं मिली. गांव में न तो सड़कें अच्छी हैं, ना ही नालिया ठीक हैं. ज्यादातर नालियां बंद हैं. इससे आए दिन जलभराव होता रहता है. जलभराव से मच्छर और गंदगी पनपती है. इससे ग्रामीणों के स्वस्थ्य खराब होने की भी आशंका बनी रहती है.

शौचालय बनाने में भी हुई धांधली

गांव के रहने वाले शकील ने बताया कि शौचालयों का पैसा सीधे लाभार्थी के खाते में आया या नहीं आया, लेकिन प्रधान जी ने 4 हजार रुपये में ही घटिया सामग्री का इस्तेमाल कराकर बिना टाइल्स और बिना टैंक के शौचालय बनवा दिया. शौचालय बनवाने के लिए लगभग 12 हजार रुपये हर लाभार्थी के खाते में आना चहिये थे. ग्रामीणों ने बताया कि सामुदायिक शौचालय जब से बना है, तब से बंद ही रहता है. और तो और प्रधान के पास ही शौचालय की चाबी रहती है. इससे स्थानीय लोग समुदायिक शौचालय का इस्तेमाल ना के बराबर कर पाते हैं. शौचालय पर हर समय ताला पड़ा रहता है.

ग्रामीणों ने गिनाई समस्याएं

गांव में कुछ जगहों पर हाई वोल्टेज लाइन के तार बहुत नीचे झूल रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार प्रधान जी से इसकी शिकायत की गई, लेकिन झूलते बिजली के तारों को ठीक नहीं कराया गया. ग्रामीणों ने बताया कि कायाकल्प योजना के तहत भी गांव में कोई खास काम नहीं हुआ. प्राथमिक विद्यालय और पूर्व माध्यमिक विद्यालय में टाइल्स और कोई खास सौन्दर्यीकरण का काम नहीं हुआ है. इसके अलावा गांव में पशुओं के लिए अलग से चारागाह की व्यवस्था नहीं है.

ग्रामीणों ने बताया कि गरीब, भूमिहीन लोगों के लिए सरकारी आवास योजना में भी धांधली की गई. ग्रामीणों का आरोप है कि आवास की लिस्ट में अपात्र लोगों का नाम ज्यादा है. इससे पैसे की सेटिंग कर आवास की लिस्ट में पात्र हो गया, जबकि वास्तविक पात्र लोग कच्चे मकानों में बास-बल्ली डालकर रह रहे हैं. उनकी बल्लियां भी गल चुकी हैं, छत गिरने के कगार पर है. इससे कभी भी कोई हादसा हो सकता है.

अपात्र लोगों को मिल रहा लाभ

ग्राम जनेटा की जनता ने बताया कि गांव में विकास कार्य बहुत कम हुए और जो विकास कार्य हुए उनमें बहुत धांधली हुई है. गरीब और पात्र लोगों तक कोई लाभ नहीं पहुंचा. अपात्र लोगों को पात्र दर्शाते हुए उन्हें लाभ दिया गया है.

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