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सहारनपुर: अंडर पास बना तालाब, आवाजाही बंद होने से ग्रामीण परेशान

यूपी के सहारनपुर जिले में कई जगहों पर बने अंडरपास बारिश के पानी से लबालब भरे हुए हैं. इससे आसपास के सभी गांवों का संपर्क शहर से टूट गया है. आलम ये है कि पैदल निकलना तो दूर वाहनों की आवाजाही तक भी बंद हो गई है.

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बारिश के चलते जलभराव.

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Published : Jul 22, 2020, 6:58 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST

सहारनपुर: एक ओर जहां सरकार रेलवे लाइनों का दोहरीकरण कर तमाम सुविधाएं देने का दावा कर रही हैं. वहीं रेलवे लाइन के नीचे बने अंडर पास न सिर्फ सरकार के दावों की पोल खोल रहे हैं. बल्कि आसपास के कई गांवों के ग्रामीणों के लिए मुसीबत का सबब भी बने हुए हैं. जिले में कई जगहों पर अंडरपास बारिश के पानी से लबालब भरे हुए हैं. इससे आसपास के सभी गांवों का संपर्क शहर से टूट गया है. अंडर पास में 4-5 फीट पानी भरा हुआ है. गहरे पानी के बीच से पैदल निकलना तो दूर वाहनों की आवाजाही भी बंद हो गई है. हालांकि बहुत जरूरी कार्यों के लिए ग्रामीणों को 15-20 किलोमीटर का सफर तय करके जाना पड़ रहा है.

बारिश के चलते जलभराव.

बता दें कि सहारनपुर से दिल्ली रेलवे लाइन का दोहरीकरण किया जा रहा है. कई जगहों पर फाटक की बजाए अंडरपास बनाए गए है. अंडरपास का निर्माण शुरू हुआ तो आसपास के ग्रामीणों में खुशी का ठिकाना नहीं था. ग्रामीणों ने सोचा था कि अंडरपास बनने के बाद अब उन्हें घन्टों तक फाटक बंद होने से निजात मिल जाएगी. इससे न सिर्फ उनका समय बचेगा, बल्कि फाटक खुलने के इंतजार से भी छुटकारा मिल जाएगा. वहीं बारिश के दिनों में उनकी सभी उम्मीदों पर पानी फिर गया. बारिश का पानी अंडरपास में 4-5 फीट तक भर गया है. इसके चलते पूरा रास्ता नदी में तब्दील हो गया है.

तहसील देवबंद इलाके के अंडरपास पानी से लबालब भरा हुआ है. इस अंडरपास को पार करने में लोगों को डर लग रहा है. 5 फीट गहरे पानी से हल्के वाहन तो दूर एंबुलेंस आदि को निकालना भी मुश्किल हो रहा है. अंडरपास रेलवे लाइन के नीचे गहरे और किनारे ऊंचे हैं. इसके अलावा दीवारें और फर्श पक्की होने की वजह से पानी भी सूखने का नाम नहीं ले रहा है.

पानी भरने से कई गांवों जिला मुख्यालय से कट जाते हैं. रास्ते में गहराई तक पानी भरने से किसानों को अपने खेतों ही नहीं बल्कि बाजार और मंडियों में जाने के लिए भी 15-20 किलोमीटर दूर से होकर जाना पड़ रहा है. साथ ही लोग बाजार जाना तो दूर अपनी रिश्तेदारियों में भी जाने में असहज हैं. इतना ही नहीं कई बार बीमार होने पर लोगों को दूसरे रास्तों से होकर अस्पताल जाना पड़ रहा है, ऐसे में गंभीर समस्या होने पर जान पर आफत बनी हुई है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST

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