सहारनपुर: इन दिनों फतवों की नगरी एवं इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद ने मदरसे में पढ़ने वाले छात्रों के लिए अनोखा फरमान जारी किया है. दारुल उलूम के शिक्षा विभाग ने छात्रों के लिए दाढ़ी रखना न सिर्फ अनिवार्य बताया है, बल्कि बिना दाढ़ी के मदरसे में दाखिला नहीं देने का एलान किया है. दारुल उलूम के इस एलान के बाद से तलबा (मदरसा छात्रों) में हड़कंप मचा हुआ है. वहीं, उलेमाओं ने दारुल उलूम के इस फरमान को जायज करार दिया है.
इस्लामिक स्कॉलर कारी इशहाक गोरा ने बताया कि इस्लाम में दाढ़ी रखना जायज माना जाता है. मुठीभर दाढ़ी होने पर ही कटवाई जा सकती है. उन्होंने बताया कि पेगंबर साहब दाढ़ी रखते थे. उन्होंने अपनी दाढ़ी को कभी नहीं कटवाया. इसलिए हर मुसलमान को उनके बताए रास्ते पर चलते हुए दाढ़ी रखना जरूरी है.
बता दें कि विश्वविख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम में न सिर्फ दुनिया भर के मुस्लिम छात्र इस्लामिक तालीम ले रहे हैं, बल्कि दारुल उलूम का फैसला दुनिया भर के मुसलमानों के लिए अहम माना जाता है. यही वजह है कि दारुल उलूम देवबंद को फतवों की नगरी कहा जाता है. दारुल उलूम प्रबंधन मदरसे में पढ़ने वाले तमाम छात्रों के लिए बड़ा एलान किया है. उलेमाओं ने छात्रों के लिए दाढ़ी रखना अनिवार्य कर दिया है. इसके लिए बाकायदा नोटिस चस्पा किया गया है.