सहारनपुर: इन दिनों कोरोना वायरस पूरे देश में पैर पसारता जा रहा है. इसके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार मरकज से निकले तबलीगी जमातियों को माना जा रहा है, जिसके चलते देश भर में न सिर्फ दहशत का माहौल बना हुआ है, बल्कि एक बहस छिड़ी हुई है. इस बहस के बीच सहारनपुर के बसपा सासंद हाजी फजलुर्रहमान से ETV भारत ने EXCLUSIVE बातचीत की है.
बसपा सासंद हाजी फजलुर्रहमान की ईटीवी भारत से खास बातचीत बसपा सासंद ने इस बहस के लिए जहां मीडिया को जिम्मेदार ठहराया है वहीं मरकज से निकले तबलीगी जमातियों की बड़ी लापरवाही भी करार दिया है. उन्होंने कहा कि मरकज से निकलने वाले जमातियों को स्वास्थ्य विभाग के सामने आकर अपनी जांच करानी चाहिए थी. कोरोना से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग की एडवायजरी के अनुसार उपाय करने चाहिए थे. इसके साथ ही उन्होंने हजरत निजामुद्दीन पुलिस पर भी लापरवाही के आरोप लगाए है.
देश भर में करीब 19000 से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. संक्रमित लोगों में ज्यादातर तबलीगी जमात और उनके नजदीकी बताए जा रहे हैं.
सहारनपुर में भी 85 लोग मरकज से निकल कर आये और उनके नजदीकियों में कोरोना वायरस की पुष्टि हो चुकी है. खास बात ये है कि मरकज से आये जमाती न सिर्फ अपना चेकअप कराने से बच रहे हैं, बल्कि अपनी ट्रैवलिंग हिस्ट्री भी छिपाते रहे हैं, जिसके चलते जमातियों पर देश मे कोरोना फैलाने के आरोप लगाए जा रहे हैं.
ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में सांसद हाजी फजलुर्रहमान ने अपील करते हुए कहा कि इस महामारी में भारत सरकार ने गाइडलाइन दी हुई है. सबको उसका अमल करना चाहिए. सभी को लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए घरों में रहना है. बिना वजह घर से नही निकलना है. घर में रहकर भी मॉस्क लगाना, बार बार अपने हाथ धोते रहना, एक मीटर की दूरी बनाए रखना है.
ईटीवी भारत के सवाल पर उन्होंने कहा कि मरकज से निकलने वाले तबलीगी जमातियों को तूल देने का काम मीडिया ने भ्रम फैला कर किया है. जमात के वे लोग जिनमे कोरोना वायरस पॉजिटिव पाया गया वो सारी बीमारी बाहर से आई है. जो लोग बाहरी देशों से आये हैं उनके साथ आई है. उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले लोगो मे जमात के साथ अन्य हिंदुस्तानी और विदेशी लोग भी शामिल हैं.
निजामुद्दीन की मरकज से निकले जमातियों में एक साथ कोरोना पॉजिटिव पाया जाना अफसोस की बात है. सांसद ने मौलाना साद पर आरोप लगाते हुए कहा कि इसके लिए जमात के जिम्मेदार लोगों ने बड़ी लापरवाही बरती है, जिसे हमें स्वीकार करना चाहिए. इस महामारी के दौर में उन्हें प्रीकॉशन लेना चाहिए था, जो देर से लिया गया. उन्होंने स्थानीय पुलिस और प्रशासन पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि जब उनकी सूचना दे दी गई थी बावजूद इसके कोई उपाय नही किये गए. ऐसे में एक तरफा मरकज जमातियों पर आरोप लगाना भी सही नहीं है.
मौलाना साद के अंडर ग्राउंड होने के सवाल पर सांसद ने अपील करते हुए कहा कि मौलाना साद को जितनी जल्दी हो सके सरकार के सामने आकर सरेंडर कर देना चाहिए, जिससे मरकज के जितने जमाती उनकी वजह से समस्या में फंसे हैं, उनकी समस्या का समाधान हो सके.
महारष्ट्र में संतों के साथ हुई मॉब लिंचिंग के सवाल पर उन्होंने कहा कि संतों की हत्या की जितनी ज्यादा निंदा की जा सकती है वो की जानी चाहिए. इस तरह की घटानाएं नहीं होनी चाहिए.