सहारनपुर: योगी सरकार उन परिवारों से राशन कार्ड सरेंडर करने की अपील कर रही है जो सक्षम हैं ताकि गरीब और जरूरतमंदों को सरकारी योजना का लाभ दिया जा सके. सरकार ने सत्यापन के आदेश देते हुए कहा कि जिन लोगों के पास चार पहिया वाहन, घर मे एसी, खेती की जमीन आदि हो उन्हें अपात्र मानकर उनके राशन कार्ड निरस्त कर दिए जाएं, लेकिन सहारनपुर में सरकार के इस निर्देश की धज्जियां उड़ती दिखी हैं. ETV भारत को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक सहारनपुर के खनन माफिया का मुंशी न केवल सरकार के निर्देश को धता बताकर लाखों का चूना लगाता रहा बल्कि गरीबों का हक भी मारता रहा. आप जानकर चौंक जाएंगे कि ये शख्स 600 बीघा ज़मीन और 3 बड़ी चीनी मिल का मालिक है.
इस शख्स से जुड़ी कुछ और जानकारियां तो और भी हैरान करने वाली हैं. ये खनन माफिया हाजी इकबाल का नौकर नसीम अहमद है, जो हर महीने सरकार से 50 किलो फ्री अनाज लेकर मुफ्त की रोटियां तोड़ता रहा है और ये रोटियां आज से नहीं बल्कि पिछले 15 साल से तोड़ रहा है. गौरतलब है कि जब देश कोरोना की लहर से जूझ रहा था तब नसीम अहमद अपने 10 लोगों के परिवार के साथ सरकारी तिजौरी को खाली करने में जुटा था. जिसका मतलब है कि कोरोना काल में इसका परिवार सरकार 100 किलो राशन उठा रहा था. नसीम अहमद पूर्व बसपा MLC हाजी इकबाल बाला का मुंशी है. जिसके नाम न सिर्फ 600 बीघा जमीन है बल्कि वह उत्तर प्रदेश की 3 बड़ी चीनी मिलों का मालिक भी है. जिसके बावजूद खाद्य पूर्ति विभाग अरबों के मालिक नसीम अहमद पर मेहरबान बना हुआ है.