रामपुर: पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने शिया-सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन को भ्रष्टाचारी बताया है. पूर्व मंत्री ने दोनों चेयरमैन को पूर्व मंत्री आजम खां का पिट्ठू बताया. मामला यतीम खाना बस्ती की जमीन से जुड़ा हुआ है. यतीमखाना बस्ती को आजम खां ने अपनी सत्ता में रहते खाली कराया था, जहां पर 26 गरीब घोसी परिवार रहते थे. उस जमीन का मुतावल्ली यानी जिम्मेदार जौहर ट्रस्ट को बनाया था. अब जौहर ट्रस्ट को इस जमीन की जिम्मेदारी से हटा दिया है और प्रशासक तैनात कर दिया है.
रामपुर से पूर्व मंत्री नवाब काजिम इसके साथ ही साथ यतीम खाने की जमीन पर रह रहे सभी परिवारों को दोबारा से उन्हीं की जमीन को आवंटन करने के भी आदेश जिला प्रशासन को दिए हैं. इस पर पूर्व मंत्री ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर यतीमखाना की जमीन पर बने आजम खां के रामपुर पब्लिक स्कूल को गिराकर और उन गरीब परिवारों को जमीन देने के लिए कहा है.
वहीं यतीमखाना बस्ती की जमीन के पहले मुतावल्ली रहे पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां से हमने इस मामले पर बात की. उन्होंने बताया यतीमखाना जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड के अंडर में थी. सुन्नी वक्फ की एक प्रॉपर्टी थी. उसका मुतावल्ली यानी जिम्मेदार मैं ही था. आजम खां की नजर उस प्लॉट पर थी. वह उसे लेना चाह रहा था.
आजम खां खुद वक्फ मंत्री थे. दोनों चेयरमैन सुन्नी वक्फ बोर्ड का चेयरमैन और शिया वक्फ बोर्ड का चेयरमैन दोनों आजम खां की कठपुतली थे. सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर फारूकी ने यह अलॉटमेंट कराया था.
पूर्व मंत्री ने बताया कि सबसे पहले मुझे फर्जी दस्तावेजों के साथ हटाया गया. यह जमीन आजम खां को उसका स्कूल खोलने के लिए अलॉट की गई. पूर्व मंत्री ने कहा अल्लाह की लाठी में आवाज नहीं होती है. शुक्रवार उसका नतीजा सामने आ गया. वहीं पूर्व मंत्री नवेद मियां ने कहा मैंने जिलाधिकारी को पत्र लिखा है. यतीमखाना बस्ती की जमीन पर जो आजम खां का स्कूल बना है, उसे तोड़ा जाए और उन लोगों को उनकी जमीन अलॉट की जाए.