रामपुर: कोरोना के चलते रामपुर जिला कारागार से अब तक 143 बंदियों को रिहा किया जा चुका है. यह वह बंदी हैं, जिनको 7 साल तक की सजा हो सकती थी. इन लोगों को 60 दिन के लिए रिहा किया गया है. यह जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव रमेश कुशवाहा ने दी.
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव रमेश कुशवाहा ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि कोरोना के कारण राष्ट्रीय लोक अदालत नहीं लग पा रही थी. अभी जो भी मामले कोर्ट में पेंडिंग हैं, वह राष्ट्रीय लोक अदालत में सुनवाई करके दोनों पक्षों की सहमति से निपटाए जाएंगे. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव रमेश कुशवाहा ने बताया कि आने वाले दिनों में एक राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा, जो छोटे-छोटे मुकदमे हैं, जिसमें लोग कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाते हैं, उनको आसानी से निपटाया जाएगा.
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव रमेश कुशवाहा ने बताया कि इन छोटे-छोटे मामलों को सुलह-समझौता के माध्यम से निपटाया जाएगा. इससे समय की बचत होगी और वादियों के पैसे की बचत होगी. मामले का निपटारा होने से दोनों पक्षों के बीच खुशहाली भी आएगी. उन्होंने कहा कि ऐसा देखने को मिला है कि वादियों में दोनों पक्ष पड़ोसी होते हैं और ज्यादातर मुकदमे आपस में पड़ोसी के ही होते हैं. गांव के लोगों के जो छोटे-बड़े मुकदमे होते हैं, वह खेत-खलियान के हैं. इनको भी राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटाया जाएगा.