रायबरेली : एक लंबे इंतजार के बाद आखिरकार रायबरेली में मेडिकल की पढ़ाई और रिसर्च का सपना साकार हो गया. पहले बैच के 56 स्टूडेंट्स के साथ करीब 22 फैकल्टी मेंबर्स के बीच 'पिन अप' सेरेमनी से सत्र की औपचारिक शुरुआत हुई. इस सेरेमनी में एम्स रायबरेली के गवर्निंग काउंसिल मेंबर्स प्रभारी के अलावा इसके मेंटरशिप संस्थान पीजीआई चंडीगढ़ के डायरेक्टर समेत डॉक्टरों व प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में 'पिन अप' सेरेमनी की शुरुआत की गई.
एम्स रायबरेली में मेडिकल क्लासेज शुरू. सेरेमनी में दिखी चहल पहल
सुबह से ही एम्स रायबरेली परिसर में चहल पहल दिख रही थी. आमतौर पर सिर्फ ओपीडी के मरीजों का आना-जाना एम्स रायबरेली के ओपीडी परिसर में देखा जाता था, पर आज पूरा एम्स छात्र-छात्राओं और फैकल्टी होने के कारण गुलजार दिखा. एकेडमिक सेशन के लिए रेजिडेंशियल विंग में ही थोड़ा फेरबदल करके क्लास रूम तैयार किया गया है. आने वाले समय में जब मेडिकल कॉलेज के विंग की शुरुआत हो जाएगी तभी से आईपीडी सर्विसेज के साथ मेडिकल क्लासेज भी वहीं चलेंगी.
2013 में किया गया था शिलान्यास
एम्स रायबरेली की स्वीकृति यूपीए सरकार के प्रथम कार्यकाल में साल 2007 में ही दी जा चुकी थी, लेकिन जमीन मिलने में ही करीब पांच से ज्यादा साल बीत गए. साल 2012 में 150 में से 97 एकड़ भूमि अधिग्रहित हो पाई. उसके बाद 2013 में स्थानीय सांसद सोनिया गांधी ने इसका शिलान्यास किया था.