प्रयागराज:जिले के चाका विकासखण्ड के उभारी गांव में स्वयं सहायता समूह के अंतर्गत सरकारी राशन की दुकान का चुनाव कराया जा रहा था. महिलाओं द्वारा यह आरोप लगाया गया कि ग्राम प्रधान उभारी मोहम्मद मोइन ने गांव के लोगों को इकठ्ठा करके जबरन गांव के ही दूसरे समूह की महिलाओं को विजयी घोषित करा दिया. इस पर महिलाओं ने एसडीएम करछना का घेराव किया और न्याय की गुहार लगाई.
मामला विकासखंड चाका के उभारी गांव का है. यहां ग्राम प्रधान की दबंगई के कारण सरकारी राशन की दुकान की चयन प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गई. गांव में संचालित कई स्वयं सहायता समूह ने सरकारी राशन की दुकान की चयन प्रक्रिया में भाग लिया था. आरोप है कि, अन्य समूह से आई महिलाओं को दूसरे कमरे में बंधक बनाकर ग्राम प्रधान ने गुपचुप तरीके से अपने चहते समूह को राशन की दुकान का आवंटन करा दिया.
इस बात की जानकारी जैसे ही वहां पर मौजूद अन्य समूह की महिलाओं को हुई, तो उन्होंने हंगामा करना शुरू कर दिया था. लेकिन दबंग ग्राम प्रधान ने जबरन अपने चहेते समूह को विजयी घोषित करा दिया. समूह की महिलाओं का कहना है कि उन लोगों को ग्राम प्रधान ने एक कमरे में बन्द कर दिया और दूसरे पक्ष को विजयी घोषित कर दिया.
प्रधान की इस दबंगई से परेशान होकर स्वयं सहायता समूह की महिलाएं न्याय पाने के लिए उपजिलाधिकारी करछना के पास ज्ञापन देने पहुंची. महिलाओं ने मांग की है कि तत्काल प्रभाव से कोटे को निरस्त किया जाए और पुनः कोटे का चुनाव कराया जाए. महिलाओं का कहना है कि कोटे का चुनाव गलत तरीके से कराया गया है. महिलाओं ने तहसीलदार करछना को ज्ञापन देते हुए न्याय की गुहार लगाई.
समूह की महिलाओं ने कहा कि अगर दोबारा चुनाव नहीं कराया गया तो वह न्याय पाने के लिए जिलाधिकारी के पास जाएंगी. यही नहीं गांव की महिलाओं ने ग्राम प्रधान के ऊपर यह भी आरोप लगाया कि कुछ लोगों का नाम शौचालय की सूची में शामिल था, लेकिन उसका भी पैसा ग्राम प्रधान ने हड़प लिया. कागजों में उनके घर शौचालय भी बन गए हैं, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है. महिलाओं द्वारा बताया गया कि कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.