प्रयागराज:उमेश पाल हत्याकांड में अब तक सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे पांच मुख्य शूटरों तक पुलिस और एसटीएफ नहीं पहुंच सकी है. इन शूटरों तक पहुंचने के लिए एसटीएफ और पुलिस अब सिम कार्ड बेचने वाले दुकानों की जांच पड़ताल में जुट गई है. बताया जा रहा है कि वारदात में शामिल मुख्य शूटरों ने घटना के बाद से अपना मोबाइल ऑफ कर दिया है. पहले से तय प्लानिंग के तहत एक एक शूटर जिले से ही कई कई सिम लेकर भागे हैं. इसके साथ ही सभी लगातार सिम कार्ड व मोबाइल बदल रहे हैं. जिस वजह से एसटीएफ और पुलिस को उनको ट्रेस करने में दिक्कत हो रही है.
सिम बेचने वालों का रजिस्टर जांचने में जुटी पुलिस:सूत्रों के मुताबिकप्रयागराज के धूमनगंज खुल्दाबाद करेली सिविल लाइंस के साथ ही इलाहाबाद विश्वविद्यालय के आसपास के इलाके में पुलिस और एसटीएफ की टीम ने सिम कार्ड बेचने वालों की जांच पड़ताल शुरू कर दी है. शुरुआती पड़ताल में यह भी पता चला है कि शूटरों ने वारदात को अंजाम देने से पहले ही अपने मोबाइल को बंद कर दिया था. इसके बाद से किसी भी आरोपी का मोबाइल पुलिस ट्रेस नहीं कर पाई है. वहीं, पुलिस को सूचना मिली है कि वारदात से पहले ही अतीक गैंग के शूटरों के लिए नए सिम और मोबाइल खरीदे जा चुके थे. असद समेत सारे आरोपी वारदात से पहले और बाद में इन्हीं नए मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल करके घटना के बाद फरार हुए हैं. पुलिस इलाके में इस्तेमाल किये गए नए मोबाइल नंबरों के सहारे शूटरों तक पहुंचने में जुटी हुई है. शूटरों की तलाश के दौरान एसटीएफ को जानकारी मिली है कि एक एक शूटर कई कई सिम लेकर मौके से फरार हुए हैं.
मोबाइल बेचने वाले एक युवक की तलाश:उमेश पाल हत्याकांड की जांच कर रही एसटीएफ और पुलिस को जानकारी मिली कि चकिया इलाके में रहने वाले एक युवक ने अतीक गैंग को सिम दिलवाने में मदद की है. उसकी मदद से ही एक एक आधार कार्ड पर कई सिम खरीदकर एक्टिवेट करवाये गए हैं. पुलिस की मदद से एसटीएफ सिम बेचने वाले युवक की तलाश में जुटी हुई है. जिससे पुलिस को यह सुराग मिल सकता है कि शूटरों के पास कौन-कौन से नंबर के सिम हैं. इसके साथ ही सिम किसने कब और क्यों सिम खरीदा था. पुलिस की टीम इसी तरह से शहर के अन्य इलाकों में भी हाल ही में बेचे गए सिम के बारे में जानकारी जुटा रही है.