मीडिया से बातचीत करते क्रिया योग आश्रम एवं अनुसंधान संस्थान के पीठाधीश्वर सत्यम योगी प्रयागराजः क्रिया योग पीठाधीश्वर सत्यम योगी नैनी जेल में बंद कैदियों की रिहाई की मांग कर रहे हैं. माघ मेले में आए क्रिया योग आश्रम एवं अनुसंधान संस्थान के पीठाधीश्वर का मानना है कि जेल में बंद कैदियों की जगह जेल नहीं, उनका आश्रम है. उन्होंने कहा कि 6 महीने में सुधारने की गारंटी देता हूं, जिससे एक अपराध मुक्त समाज बनेगा.
प्रयागराज माघ मेले में आए क्रिया योग आश्रम एवं अनुसंधान संस्थान के पीठाधीश्वर योगी सत्यम ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सर्वश्रेष्ठ अध्यात्मिक राष्ट्र भारत के आनंदमय ज्ञान में अस्तित्व को पूरे विश्व में प्रकाशित करने के आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि अगर नैनी जेल के बंद पूरे कैदियों को क्रिया योग आश्रम में 6 महीने के लिए सुरक्षा व्यवस्था के बीच रख दिया जाए, तो बड़े से बड़े अपराधी भी शांति के मार्ग पर चल पड़ेंगे. इससे अपराध पूरी तरह खत्म हो जाएगा.
सत्यम योगी ने इस बात को सच साबित करने का जिम्मा भी लिया. उन्होंने सरकार से मांग की है कि एक बार उन्हें इसका मौका जरूर दे, ताकि जो काम जेल में बंद कर नहीं किया जा सकता. वह इनके आश्रम में क्रिया योग के माध्यम से किया जा सके.
उन्होंने कहा कि इस कार्य को सफलतापूर्वक संपादित करने के लिए क्रिया योग आश्रम और अनुसंधान संस्थान प्रयागराज ने सेल्फ रिलाइजेसन फेलोशिप लास एंजलिस योगदा सत्संग सोसाइटी रांची के पूज्य स्वामी गण और सहयोगी निरंतर सेवारत हैं. उन्होंने कहा कि मनुष्य के अंतः करण चतुर्दिक व्याप्त सभी परेशानियों का कारण मनुष्य में समय की कमी है. आत्म साक्षात्कार ऋषियों और मुनियों ने अन्वेषण किया है कि ज्ञान की पूर्ण अवस्था प्राप्त करने के लिए सामान्य व्याधि रहित 10 लाख वर्षों की आवश्यकता होती है. सदा चरित मानव अपने सद कर्मों से 100 वर्षों में जिस ज्ञान की अनुभूति करता है. क्रिया योग के 50 मिनट के अभ्यास से प्राप्त करता है.
सत्यम योगी ने कहा कि क्रिया योग ध्यान शरीर और मन के बीच दूरी घटाने का वैज्ञानिक अभ्यास है. जैसे-जैसे दूरी घटती है, वैसे-वैसे आत्मज्ञान प्रकाशित होता है. शरीर और मन के बीच दूरी सुन्न होने पर अनुभव होता है कि हमारे परब्रह्मा के बीच दूरी 0 है. इसी अवस्था को मोक्ष कहा गया है. इसे प्राप्त करना माना जीवन का लक्ष्य है. क्रिया योग ध्यान से मनुष्य को सार्वभौमिक व्यवहारिक ज्ञान की अनुभूति होती है. वह जातिगत और सांप्रदायिक भेदभाव से मुक्त हो जाता है. इस अभ्यास से मानव बुद्धि ईश्वर उन्मुख हो जाती है. इसलिए नैनी जेल में बंद बड़े से बड़े कैदियों को अगर 6 महीने के लिए यहां रखा जाए, तो पूर्णता वह अपराध छोड़ देंगे.
ये भी पढ़ेःGIS2023: यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आज से, पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन