उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

प्रयागराज में महापौर चुनाव के लिए मुकाबला रोमांचक, नेहरू और शास्त्री भी संभाल चुके हैं कुर्सी - Cabinet Minister Nand Gopal Gupta Nandi

यूपी में शहर की सरकार बनाने की कवायद शुरू हो चुकी है. हर जिले में निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज होने लगी है. ऐसे में प्रयागराज में महापौर पद के चुनाव के लिए इस बार मुकाबाला रोमांचक हो चुका है. इस स्पेशल रिपोर्ट में प्रयागराज नगर निगम चुनाव का समकीरण और इतिहास.

प्रयागराज में महापौर चुनाव
प्रयागराज में महापौर चुनाव

By

Published : Apr 20, 2023, 8:30 PM IST

प्रयागराज:जिस कुर्सी पर कभी देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और लाल बहादुर शास्त्री बैठे थे.आज उसी कुर्सी के लिए हो रहे निकाय चुनाव में सभी राजनैतिक दल जीत हासिल करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं. प्रयागराज का महापौर बनना बड़े ही गर्व की बात मानी जाती है, क्योंकि इस कुर्सी पर बैठने वालों का गौरवशाली इतिहास रहा है. यही वजह है कि महापौर का चुनाव लड़ने के लिए बड़े बड़े नेता और उनके परिवार के लोग टिकट के लिए दावेदारी करते रहे हैं. पिछले दो बार से कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी की पत्नी शहर की महापौर की कुर्सी पर काबिज थीं. लेकिन भाजपा ने इस बार उनका महापौर का टिकट काटकर गणेश केशरवानी को उम्मीदवार बना दिया है. जिससे महापौर का चुनाव काफी रोमांचक हो गया है. क्योंकि महापौर का सबसे मजबूत उम्मीदवार निवर्तमान महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी चुनाव की रेस से ही बाहर हो चुकी हैं.

बता दें कि प्रयागराज नगर निगम के 100 वार्ड के पार्षद और महापौर की कुर्सी के लिए मतदान 4 मई को होना है. महापौर के चुनाव के लिए 15 दिन का समय बचा हुआ है. भाजपा, कांग्रेस, सपा और बसपा के साथ ही आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार भी अपनी अपनी जीत का दावा करते हुए चुनाव मैदान में ताल ठोंक रहे हैं.

जवाहर लाल नेहरू और लाल बहादुर शास्त्री संभाल चुके हैं मिनी सदन की कुर्सीःप्रयागराज में जब नगर निगम से पहले नगर महापालिका होती थी तो अध्यक्ष की कुर्सी संभालने वाले दो लोग देश की प्रधानमंत्री की कुर्सी तक संभाल चुके हैं. पहले थे पंडित जवाहर लाल नेहरू और दूसरे थे लाल बहादुर शास्त्री. बताया जाता है कि ब्रिटिश शासनकाल में पहली बार 1863 के करीब में म्युनिसिपल कमेटी गठित की गयी थी. उस समय कमेटी में सदस्यों के साथ ही एक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष को भी नामित किया जाता था. जिसमें छः नॉमिनेटेड मेम्बर और बाकि 19 सदस्यों को चुनने के लिए हर साल चुनाव होता था. उस समय अध्यक्ष और उपाध्यक्ष अंग्रेज अफसरों को ही बनाया जाता था. हालांकि बाद में 1916 में इलाहाबाद म्युनिसिपल बोर्ड का गठन किया गया. जिसके पहले अध्यक्ष शिवचरण लाल बने थे. जबकि बोर्ड के चौथे अध्यक्ष पंडित जवाहर लाल नेहरू बने और उसके बाद लाल बहादुर शास्त्री भी अध्यक्ष के पद पर आसीन हुए.

महापौर की कुर्सी के लिए घमासानःप्रयागराज के महापौर की कुर्सी के लिए भाजपा के साथ ही सपा, बसपा और कांग्रेस के नेता अपनी अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. जबकि आम आदमी पार्टी के नेता भी खुद को इस रेस में बराबर का भागीदार होने का दावा कर रहे हैं. इस बार के चुनाव में भाजपा ने निवर्तमान महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी का टिकट काटकर पार्टी के महानगर अध्यक्ष गणेश केशरवानी को उम्मीदवार बनाया है. जबकि समाजवादी पार्टी ने अजय श्रीवास्तव को चुनाव मैदान में उतारा है. वहीं, कांग्रेस पार्टी ने हाईकोर्ट के अधिवक्ता प्रभा शंकर मिश्रा को कैंडिडेट बनाया है. बहुजन समाज पार्टी ने अतीक अहमद की पत्नी का टिकट काटकर पूर्व विधायक सईद अहमद को उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतार दिया है. जबकि आम आदमी पार्टी ने मोहम्मद कादिर को चुनाव मैदान में उतारा है.

अभिलाषा गुप्ता का टिकट कटने से भाजपा का हो सकता है नुकसानःप्रयागराज शहर की दो बार महापौर बनने वाली अभिलाषा गुप्ता नंदी का पार्टी ने इस बार टिकट काट दिया है. कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी की पत्नी अभिलाषा गुप्ता नंदी का टिकट कटने से उनके समर्थक सदमे में है. वहींं, दूसरे दलों के उम्मीदवार भी अब ये मानने लगे हैं कि अभिलाषा गुप्ता नंदी का टिकट कटने से उनके लिए जीत की राह आसान हो सकती है. वहीं, भाजपा नेताओं का कहना है कि पार्टी जिसको टिकट देती है, सारे नेता और कार्यकर्ता मिलकर उसको जिताने के लिए जुट जाते हैं. इस बार पार्टी ने गणेश केशरवानी को उम्मीदवार बनाया है, जो पिछले चुनाव से भी ज्यादा वोटों से जीतकर रिकार्ड बनाएंगे. निवर्तमान महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हुआ.

ABOUT THE AUTHOR

...view details