प्रयागराज :सोते समय अगर आप भी खर्राटे लेते हैं तो सचेत हो जाइए. यह किसी बीमारी के लक्षण भी हो सकते हैं. उत्तर प्रदेश एसोसिएशन ऑफ ईएनटी सर्जन्स के 40वें वार्षिक अधिवेशन में चिकित्सक इस पर विस्तार से चर्चा कर रहे हैं. दूसरे राज्यों से आए नाक, कान-गले से जुड़ी तमाम बीमारियों पर मंथन कर रहे हैं. विशेषज्ञों के अनुसार खर्राटा कोई भी ले रहा हो, बच्चे हों या बड़े, यह आम नहीं होता है. इसकी जांच जरूरी है. खर्राटे से हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है.
अधिवेशन में 300 विशेषज्ञ ले रहे हैं हिस्सा :अधिवेशन में हरियाणा, कोलकाता, बेंगलुरु और राजस्थान से 300 विशेषज्ञ चिकित्सक हिस्सा ले रहे हैं. तीन दिनों तक चलने वाले इस वर्कशॉप में डॉक्टरों को मरीजों की लाइव सर्जरी करके दिखाई जा रही है. इस दौरान नाक, कान व गले से जुड़ी सर्जरी करने के दौरान नई तकनीकों का इस्तेमाल के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है. कोलकाता से आए डॉक्टर सुदीप्तो चंद्रा ने बताया कि खर्राटे लेना कई प्रकार की बीमारियों के संकेत हो सकते हैं. बच्चों से लेकर बड़ों तक में खर्राटे लेना खतरनाक साबित हो सकता है. खर्राटे की आवाज सोते समय तभी निकलती है जब नाक से लेकर गले से होते हुए हार्ट तक जाने वाली सांस की नली पतली हो जाती है. जब सांस पूरी तरह से फेफड़े तक नहीं पहुंच पाती है तो खर्राटे की आवाज आती है. सांस की नली के पतले होने के कई कारण है. इनमें नाक की हड्डी का बढ़ना, साइनस की दिक्कत, एलर्जी समेत कई वजह होती हैं.