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नरेंद्र गिरी सुसाइड केस की अगली सुनवाई दो जनवरी को होगी

नरेंद्र गिरी सुसाइड केस की अगली सुनवाई 2 जनवरी को होगी. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 12, 2023, 9:47 AM IST

प्रयागराजः अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरी के सुसाइड मामले में वादी अमर गिरी के एक बार फिर कोर्ट में पेश न होने से मामले मामले की सुनवाई के लिए नयी तारीख तय कर दी है.अमर गिरी के खिलाफ कोर्ट द्वारा पहले जमानती और बाद में गैर जमानती वारंट जारी करने के बावजूद पेश न होने पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए 2 जनवरी की अगली तारीख तय कर दी है. इसी के साथ अमर गिरी को तय तिथि पर कोर्ट में पेश न होने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाई करने की चेतावनी भी दी है.

सोमवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के सुसाइड मामले में अब आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने वाले वादी अमर गिरी के खिलाफ कोर्ट ने अक्टूबर माह में गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था. इसके बाद अमर गिरी की तरफ से उनके वकील ने कोर्ट में पेश होकर पेशी से माफी मांगी थी और अगली सुनवाई पर कोर्ट में पेश होने की बात कही थी लेकिन सोमवार को तय समय पर अमर गिरी कोर्ट में पेश नहीं हुए जिसके बाद कोर्ट ने नाराजगी जतायी. अगली सुनवाई की तारीख 2 जनवरी की तय की है.उस दिन भी अमर गिरी कोर्ट में पेश नहीं होंगे तो कोर्ट ने उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाई करने की चेतावनी दी है.इस मामले में अन्य गवाहों की गवाही पूरी होने के बाद कोर्ट ने वादी अमर गिरी को भी कोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए सम्मन जारी किया था. लेकिन कोर्ट द्वारा तलब किये जाने के बारे भी अमर गिरी कोर्ट में पेश नहीं हुए.जिसके बाद कोर्ट की तरफ से अक्टूबर माह में उनके खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी कर दिया था.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरी का शव 20 सितम्बर 2021 को बाघम्बरी मठ के विश्राम कक्ष में फंदे से लटकता हुआ मिला था. इसके बाद बाघम्बरी मठ में रहने वाले नरेंद्र गिरी के शिष्य अमर गिरी और पवन महाराज की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया था. इस एफआईआर में आनंद गिरी के साथ ही लेटे हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी रहे आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी को आरोपी बनाया गया था.

इन तीनों पर आरोप है कि उन्होंने महंत नरेंद्र गिरी को ब्लैकमेल किया था, जिस कारण से उन्होंने सुसाइड कर लिया था.सुसाइड के बाद उनके कमरे से 13 पन्नो का सुसाइड नोट भी मिला था. जिसमें उन्होंने अपने शिष्य आनंद गिरी पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी को सुसाइड के लिए जिम्मेदार बताया था.नोट में उन्होंने लिखा था आनंद गिरी किसी महिला के साथ कम्प्यूटर से उनकी तस्वीर वीडियो बनाकर बदनाम कर सकते हैं. इसके बाद बदनामी की डर से उन्होंने 20 सितम्बर को मठ के अपने विश्राम कक्ष में फांसी लगाकर जान दे दी थी.

21 सितम्बर से आनंद गिरी समेत 3 लोग पकड़े गए थे. महंत नरेंद्र गिरी की मौत के बाद हरिद्वार से आनंद गिरी को गिरफ्तार कर लिया गया था.जबकि पुजारियों आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.वहीं इस घटना की जांच करने वाली सीबीआई ने भी अपनी जांच में आनंद गिरी समेत पकड़े गए तीनों आरोपियों को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी बताया है.इस मामले की सुनवाई के दौरान गवाही के लिए बार बार बुलाये जाने पर वादी मुकदमा अमर गिरी सुनवाई पर नही पहुँचे.जिसके बाद सोमवार को केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद डीजीसी क्रिमिनल गुलाब चंद्र अग्रहरि ने उन्हें गिरफ्तार कर गवाही के लिए कोर्ट में लाये जाने की मांग पुनः की थी.जिस पर कोर्ट ने वादी को चेतावनी देते हुए अगली तारीख 2 जनवरी पर कोर्ट में पेश होने को कहा है.

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