प्रयागराजःधर्मदंड और भगवा वस्त्र धारण कर आगरा के ताजमहल में प्रवेश की अनुमति को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल जगद्गुरु परमहंस की याचिका पर सुनवाई बृहस्पतिवार को भी नहीं हो सकी. विपक्षी अधिवक्ताओं को सूचना न होने और समय की कमी के चलते सुनवाई नहीं हो सकी. याचिका न्यायमूर्ति ए आर मसूदी तथा न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान की खंडपीठ के समक्ष लगी थी. याची की ओर से अधिवक्ता अभिषेक तिवारी ने टर्म से पहले सुनवाई का अनुरोध किया था.
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याची जगद्गुरु परमहंस महामंडलेश्वर, आचार्य पीठाधीश्वर रामघाट, अयोध्या और पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर शंकराचार्य संस्थान, दशनाम गोस्वामी अखाड़ा श्री महेश्वर धाम वृंदावन, मथुरा का कहना है कि वे आगरा प्रवास के दौरान ताजमहल देखने गये. उन्हें धर्मदंड व भगवा वस्त्र के साथ प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई. 3 मई को प्रत्यावेदन दिया गया है किन्तु अनुमति नहीं दी जा रही है. उन्हें हाउस अरेस्ट रखा गया. इसलिए हाईकोर्ट में अपने अधिकारों के संरक्षण के लिए याचिका दायर की गई है. याचिका में याचियों को अपने शिष्यों के साथ प्रवेश की अनुमति देने की मांग की गई है. याची का कहना है कि पिछले दिनों पुलिस का उनके साथ किया गया बर्ताव अखबारों में भी छपा है.
गौरतलब है कि अयोध्या से 26 अप्रैल को जगद्गुरु परमहंस आचार्य आगरा आए थे. वह जब ताजमहल देखने पश्चिमी गेट पहुंचे तो सीआईएसएफ के जवानों ने उन्हें भगवा वस्त्र और ब्रह्म दंड के चलते एंट्री नहीं दी. इसके कारण वह ताज का दीदार नहीं कर सके. यही नहीं, शिष्य ने जब उनकी फोटो खींचने की कोशिश की तो मोबाइल छीनकर फोटो डिलीट कर दी गई. इसके बाद आगरा में हिंदुवादियों ने जमकर हंगामा किया जबकि इस मामले में एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल ने पूरे मामले की जांच कराई.