उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

न्यायिक विवेक का इस्तेमाल किए बिना श्रम अदालत का अवार्ड वापस लेना विधि विरुद्ध

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उप श्रमायुक्त कानपुर नगर के अपने अवार्ड को वापस लेने के 29 जनवरी 2020 के आदेश को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि श्रम अदालत ने ठोस साक्ष्य व न्यायिक विवेक का इस्तेमाल किये बगैर अपना अवार्ड वापस लेकर कानूनी गलती की.

dfsg
dg

By

Published : Dec 15, 2021, 10:08 PM IST

प्रयागराजःइलाहाबाद हाईकोर्ट ने उप श्रमायुक्त कानपुर नगर के अपने अवार्ड को वापस लेने के 29 जनवरी 2020 के आदेश को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि श्रम अदालत ने ठोस साक्ष्य व न्यायिक विवेक का इस्तेमाल किये बगैर अपना अवार्ड वापस लेकर कानूनी गलती की.

श्रम अदालत ने कानपुर विकास प्राधिकरण के नोटिस के बावजूद हाजिर होकर जवाब न देने पर एक पक्षीय कार्यवाही कर याची की बर्खास्तगी को निरस्त कर दिया और 50 फीसदी बकाया वेतन सहित सेवा बहाली का अवार्ड दिया है जिसे बाद में वापस लेने को चुनौती दी गई थी.

यह आदेश न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी ने सोनेलाल कुशवाहा की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है. याचिका पर अधिवक्ता देवेन्द्र प्रताप सिंह व प्रमेंद्र प्रताप सिंह ने बहस की.

याची ने अपनी बर्खास्तगी के खिलाफ श्रम अदालत में केस दाखिल किया. अदालत ने केडीए को नोटिस जारी की. उसने अपना वकील भी नियुक्त किया किन्तु जवाब दाखिल नहीं किया गया और न ही वकील बहस करने आए तो अदालत ने एक पक्षीय कार्यवाही करते हुए अवार्ड जारी किया.

पालन न होने पर याची की अर्जी पर सहायक श्रम आयुक्त ने वसूली नोटिस जारी की. इसके बाद भुगतान किया गया. इसके 11 माह बाद केडीए ने उप श्रमायुक्त के समक्ष एक पक्षीय अवार्ड वापस लेने की अर्जी दी. कहा वकील ने उसे सूचित नहीं किया. अब नया वकील रखा गया है. उसे सुना जाय और फिर से अवार्ड दिया जाए. श्रम अदालत ने अपना अवार्ड वापस ले लिया.

ये भी पढ़ेंः Lakhimpur Kheri Violence: बेटे पर हत्या का मुकदमा चलने के सवाल पर भड़के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी...यह कह डाला

कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर कहा कि वकील के साथ-साथ प्राधिकरण भी मुकदमे के प्रति लापरवाह रहे हैं. केस की नोटिस मिलने के बाद प्राधिकरण ने कोई प्रयास नहीं किया. कार्यवाही में हिस्सा न लेने का उचित कारण नहीं दे सका.

कोर्ट ने कहा श्रम अदालत ने भी न्यायिक विवेक का इस्तेमाल नहीं किया और बिना ठोस आधार के अवार्ड वापस ले लिया जो विधि विरुद्ध है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ABOUT THE AUTHOR

...view details