उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

बिना उचित सुनवाई के संविदा कर्मी को निकालना अनुचित : हाईकोर्ट

याची का पक्ष रख रहे अधिवक्ता दिनेश राय ने कहा कि याची 2011 से कस्तूरबा बालिका विद्यालय बेलहरी बलिया में वार्डेन के पद पर कार्य कर रही है. उसे एक वर्ष की संविदा पर रखा गया था जिसे अब तक लगातार बढ़ाया जाता रहा है. सत्र 2020-21 के लिए उसका कार्य संतोषजनक न पाते हुए संविदा समाप्त कर दी गई. मगर ऐसा करने से पूर्व उसे अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया.

बिना उचित सुनवाई के संविदा कर्मी को भी निकालना अनुचित : हाईकोर्ट
बिना उचित सुनवाई के संविदा कर्मी को भी निकालना अनुचित : हाईकोर्ट

By

Published : Jul 28, 2021, 10:42 PM IST

Updated : Jul 28, 2021, 11:00 PM IST

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि संविदा कर्मचारी को भी बिना सुनवाई के पद से हटाना या उसकी संविदा समाप्त करना अनुचित है. कोर्ट ने कस्तूरबा विद्यालय में दस वर्षों से कार्यरत वार्डन को एकपक्षीय आदेश जारी कर संविदा से हटाने के निर्णय को गलत ‌करार देते हुए विभाग को नए सिरे से निर्णय लेने का ‌आदेश दिया. बलिया की मुन्नी पूनम की याचिका पर न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने सुनवाई की.

याची का पक्ष रख रहे अधिवक्ता दिनेश राय ने कहा कि याची 2011 से कस्तूरबा बालिका विद्यालय बेलहरी बलिया में वार्डेन के पद पर कार्य कर रही है. उसे एक वर्ष की संविदा पर रखा गया था जिसे अब तक लगातार बढ़ाया जाता रहा है. सत्र 2020-21 के लिए उसका कार्य संतोषजनक न पाते हुए संविदा समाप्त कर दी गई. मगर ऐसा करने से पूर्व उसे अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया.

दो जनवरी 21 के आदेश से उसकी संविदा समाप्त कर दी गई. बेसिक शिक्षा परिषद के अधिवक्ता संजय चतुर्वेदी ने कहा कि याची का कार्य संतोषजनक नहीं पाया गया. इसलिए उसकी संविदा समाप्त कर दी गई. हालांकि उन्होंने माना कि याची को सुनवाई का अवसर नहीं मिला.

कोर्ट का कहना था कि यहां यह मुद्दा नहीं है कि याची पिछले दस वर्षों से संविदा पर कार्यरत है बल्कि उसकी संविदा समाप्त करने से पूर्व उसे अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं दिया गया है. इसलिए संविदा समाप्त करने का आदेश जारी नहीं रखा जा सकता है.

कोर्ट ने याची को दो सप्ताह के भीतर अपना प्रत्यावेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है और सक्षम प्राधिकारी को उस पर कमेटी की रिपोर्ट लेकर याची का पक्ष सुनकर नियमानुसार निर्णय लेने का निर्देश दिया है.

यह भी पढ़ें :प्राधिकरण, निगम, विभागों के वकीलों के खुद न आकर जूनियर को भेजने पर हाईकोर्ट सख्त

नए वकीलों को अनुशासित एवं योग्य बनाने की कोशिश हो : न्यायमूर्ति शेखर

प्रयागराज :इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति शेखर यादव ने सुझाव दिया कि नए वकीलों को अनुशासित एवं योग्य बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए. वह अधिवक्ता परिषद उत्तर प्रदेश के 29वें स्थापना दिवस पर बुधवार को उच्च न्यायालय इकाई और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से लाइब्रेरी हाल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि क्षेत्र कार्यवाह डॉ. वीरेंद्र जायसवाल ने कहा कि हमें व्यवस्था बदलने का प्रयास करना चाहिए. अपनी ताकत का अहसास होना चाहिए जिसके बल पर हम व्यवस्था को ठीक कर सकें. इसके लिए हमें प्रयास करने चाहिए. अधिवक्ता परिषद के प्रदेश महामंत्री शीतला प्रसाद गौड़ ने कहा कि नए अधिवक्ताओं को अच्छी शिक्षा देनी चाहिए जिससे वे योग्य और अनुशासित अधिवक्ता बन सकें.

हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह ने कहा कि केवल नए वकीलों का नहीं बल्कि हम वरिष्ठ अधिवक्ताओं का भी कर्तव्य है कि अपने सीनियर्स के बताए रास्ते पर चलकर उनके प्रयासों से शिक्षा एवं प्रेरणा लें. कार्यक्रम की अध्यक्षता अधिवक्ता परिषद के अध्यक्ष वीपी श्रीवास्तव ने किया. संचालन अतुल कुमार शाही ने किया. इसके पूर्व हाईकोर्ट इकाई के महामंत्री अजय कुमार मिश्र ने अतिथियों का पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्रम व स्मृतिचिह्न भेंटकर स्वागत किया.

Last Updated : Jul 28, 2021, 11:00 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details