प्रयागराज:इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी(Allahabad Central University) में फीस वृद्धि के विरोध में विद्यार्थी आंदोलन कर रहे हैं. 5 सितम्बर से चल रहे आंदोलन का पिछले तीन दिनों से छात्राएं भी सड़कों पर उतरकर समर्थन कर रही हैं. आंदोलन में शामिल छात्राओं ने आरोप लगया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से उन्हे डराया धमकाया जा रहा है. छात्राओं का कहना है कि जो भी लड़कियां आन्दोलन में शामिल हो रही हैं, उनको विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से कार्रवाई करने की धमकियां दी जा रही हैं.
इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में चार गुना फीस वृद्धि के विरोध में 23 दिनों से लगातार विरोध प्रदर्शन चल रहा है. छात्रों के फीस वृद्धि आंदोलन(Student fee hike movement) में 26 सितम्बर से छात्राएं भी कूद पड़ी है. छात्राओं के समर्थन में उतरने से आंदोलन को और मजबूती मिल रही है. यही, वजह है कि आंदोलन का समर्थन करने पहुंच रही छात्राओं को विरोध प्रदर्शन में शामिल होने से रोकने की कोशिश की जा रही है. हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं का आरोप है जब वो हॉस्टल से बाहर निकलने लगती है. तो, हॉस्टल की वार्डन व अन्य जिम्मेदार लोग आंदोलन में शामिल न होने की हिदायत देते है.
इस हिदायत के बाद भी जो छात्राएं आंदोलन में शामिल हो रही है. उनकी फोटो और वीडियो के जरिए पहचान करते कार्रवाई करने की धमकी दी जा रही है. छात्राओं के घरवालों को फोन कर शिकायत की जा रही है, अभिभावकों से हॉस्टल की तरफ से कहा जा रहा है कि लड़कियों को आन्दोलन में शामिल होने से रोका जाए. इसके साथ ही हॉस्टल में रहने वाली तमाम छात्राओं का यह भी कहना है कि उन्हें परेशान करने के लिये कई तरह के हथकंडे अपनाएं जा रहे हैं. इससे तमाम छात्राओं को परेशानी हो रही है. उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है. इलाहाबाद सेंट्रल युनिवर्सिटी की पूर्व छात्र संघ अध्यक्षा रही ऋचा सिंह का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्राओं को आंदोलन में शामिल होने से रोकने के लिए उनके ऊपर दबाव बनाया जा रहा है.