उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

पाण्डुलिपियों को सहेजने की है जरुरत : प्रो. ईश्वर शरण

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में विश्व धरोहर सप्ताह के अंतर्गत जगत तारन डिग्री कॉलेज में दुर्लभ पांडुलिपियों की विशेष प्रदर्शनी आयोजित हुई. प्रदर्शनी का उद्घाटन उच्चतर शिक्षा आयोग के अध्यक्ष प्रो. ईश्वर शरण ने किया.

etv bharat
प्रो. ईश्वर शरण

By

Published : Nov 27, 2019, 8:47 AM IST

प्रयागराज: विश्व धरोहर सप्ताह के अंतर्गत प्रयागराज के जगत तारन डिग्री कॉलेज में दुर्लभ पांडुलिपियों की विशेष प्रदर्शनी आयोजित हुई. इस अवसर पर दुर्लभ पांडुलिपियों को जानने और समझने के लिए गोष्ठी का आयोजन किया गया. प्रदर्शनी का उद्घाटन करने पहुंचे उच्चतर शिक्षा आयोग के अध्यक्ष प्रो. ईश्वर शरण ने कहा कि किसी भी देश की पांडुलिपि उस देश के इतिहास को बयां करती हैं और ऐसे में यह पांडुलिपियों की प्रदर्शनी निश्चय रूप से छात्र-छात्राओं के अध्ययन में सहायक सिद्ध होगी.

प्रो. ईश्वर शरण.
जगत तारन कॉलेज में लगी प्रदर्शनी
कॉलेज प्रांगण में लगाई गई प्रदर्शनी के माध्यम से छात्र-छात्राओं ने पांडुलिपियों के इतिहास के बारे में जाना, साथ ही साथ उन्हें करीब से उसे देखने और समझने का मौका मिला. प्रयागराज के राजकीय पांडुलिपि पुस्तकालय की ओर से आयोजित इस प्रदर्शनी में जैन, बौद्ध, मुस्लिम व हिंदू धर्म से जुड़ी पांडुलिपियों को प्रदर्शन के लिए रखा गया था. प्रदर्शनी के लिए लगाई गई पांडुलिपि कागज, धातु व ताड़ के पत्ते व अन्य सामग्रियों से बनी हुई हैं, जो लगभग 75 वर्ष पहले लिखी गई हैं.

इसे भी पढ़ें -लखनऊ: संविधान दिवस पर विधान भवन में उल्लास का माहौल

पांडुलिपियों को सहेजने की है आवश्यकता
प्रदर्शनी का अवलोकन करते उच्चतर शिक्षा आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर ईश्वर शरण ने कहा कि हमारे यहां पांडुलिपियों के माध्यम से सिद्ध होता है कि भारत लेखन का गुरु बहुत पहले से रहा है. उन्होंने कहा कि अनादि काल से भारत वर्ष संपूर्ण विश्व में अपनी विविधता पूर्ण धरोहर एवं ज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी रहा है. हमारी विविधता पूर्ण प्राचीन संस्कृति का अभ्युदय स्रोत पांडुलिपि या अत्यधिक तीव्रता से विलुप्त हो जा रही हैं, जिनके संरक्षण की आवश्यकता है. यहां पर रखे गए इन दुर्लभ हस्तलिखित ग्रंथों में हमें बौद्धिक विकास के क्रम में विभिन्न सभ्यताओं एवं संस्कृतियों का साक्ष्य मिलता है, जिसे आज संरक्षण करने की जरूरत है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details