प्रयागराज:वाराणसी पेयजल योजना घोटाले के आरोपी परियोजना प्रबंधक के खिलाफ विभागीय जांच तीन माह में पूरी करने का इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है, क्योंकि 227.21 करोड़ की योजना को टुकड़ों में बांट कर गुणवत्ता के खिलाफ काम कराने का आरोप है. लिहाजा मुख्यमंत्री के आदेश पर पूर्व में तीन अधिकारियों पर कार्रवाई की गई थी. इसके अलावा याची को निलंबित कर प्रारम्भिक जांच में दोषी पाए जाने पर नियमित जांच बैठाई गई थी. साथ ही ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट करने का भी आदेश दिया गया था. फिलहाल कोर्ट ने याची को सुनवाई का पूरा मौका देकर जांच पूरी करने का निर्देश दिया है.
न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल ने दिए जांच के आदेश
यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल ने परियोजना प्रबंधक राजेंद्र प्रसाद पांडेय की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है. इस याचिका पर परियोजना के अधिवक्ता प्रांजल मेहरोत्रा ने प्रतिवाद किया. याची का कहना था कि निलंबित करने के पहले आरोपों पर विचार नहीं किया गया. बिना उसका पक्ष सुने आदेश दे दिया गया. लिहाजा कोर्ट ने प्रारम्भिक जांच कर रिपोर्ट पेश करने को कहा. जिस पर पेश रिपोर्ट में आरोपों को प्रारम्भिक जांच में सही पाया गया तो अब कोर्ट ने याची का पक्ष सुनकर नियमित जांच करने का आदेश दिया है.